बरेली:-
एक तरफ जहां लोगो की आंखे सपा पार्टी में हो रहे मंथन पर टिकी है। तो वही दूसरी और बरेली शहर में जानलेवा बुखार अबतक 73 लोगो की मौत हो गई। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की सीएम साहब अपने परिवार को सभालने में लगे हैं। लेकिन जनता की मुसीबतें जस की तस नजर आ रही है। जिसमे स्वास्थ्य विभाग भी चुपि साधे हुआ है। इतना ही नहीं प्रशासन से जब कोई जवाब मांग जा रहा है तो उसे बरगलाया जा रहा है। वहीं आंवला तहसील दिवस में ग्रामीणों ने रामनगर पीएचसी की पोल खोली तो डॉक्टरों ने बुखार की अफवाह बता दी। आंवला और मीरगंज के कई गावों में हजारों लोग बुखार से अब भी तड़प रहे हैं। जिनका अबतक कोई भी इलाज नही हो पाया है।
16 गावों में 49 लोगों की मौत--
- बुखार से बीते दिनों आंवला क्षेत्र के 16 गावों में 49 लोगों की मौत हुई तो मीरगंज कस्बा और तहसील क्षेत्र में ग्राम विकास अधिकारी और एमए की छात्रा समेत 24 लोगों की जान गई। बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है।
- जिसमे सीएमओ डॉक्टर विजय यादव का कहना है कि जहां भी बुरे हालात हैं, वहां तुरंत डॉक्टरों को भेजा जा रहा है।
- जिन इलाकों में ज्यादा दिक्कत है वहां कैंप लगाकर टीमें दवा बांट रही हैं।
डॉक्टर बता रहे है लोग अफवाह फैला रहें--
- एक ओर दर्जनों गावों में बुखार से लोग मर रहे हैं, वहीं डॉक्टर अपनी गर्दन बचाने को इसे अफवाह बता रहे हैं। इलाज न मिलने पर तहसील दिवस में ग्रामीणों ने शिकायत पर डॉक्टर कुछ ऐसे अपनी सफाई दे रहे हैं।
- बीते दिनों तहसील दिवस पर तिगरा खानपुर के लोगों ने रामनगर पीएचसी के डॉक्टरों की उदासीनता और गांव में बुखार से तड़प रहे लोगों का इलाज कराने की मांग की थी। इस पर एसडीएम ने डॉक्टरों को कसा तो प्रभारी डॉ. अजय कुमार ने एसडीएम को पत्र भेज सफाई दी है।
- 30 अगस्त को गांव तिगराखानपुर के नैना पाल, सुमन कुमारी, पुष्पा, राजवीर सिंह, रिंकू आदि ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि गांव में बुखार, मलेरिया, टाइफाइड फैला हुआ है।
- हर घर में लोग बीमार हैं और डॉक्टरों से इलाज नहीं मिल पा रहा है।
- रामनगर अस्पताल में दवा को मना कर दिया जाता है।
- जांच की भी सुविधा नहीं है। मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है।
- इस पर पीएचसी प्रभारी ने एसडीएम को सफाई दी कि तिगरा खानपुर में बुखार की अफवाह फैलाई जा रही है। अस्पताल में रुपये लेने की बात झूठी है।
बुखार से तड़प रहे सैकड़ों मरीज--
- आंवला और मीरगंज तहसील क्षेत्र के कई गावों में सैकड़ों मरीज बुखार से तड़प रहे हैं।
- इनमें सबसे ज्यादा इस्लामाबाद, मकरंदपुर, दलीपपुर, फुलासी, बरा सिरसा, भीमपुर, फुंदन नगर, राजपुर गौटिया, ब्योधन बुजुर्ग, ख्योराजपुर, शिवपुरी, मंझा, कस्बा शाही, सेवा ज्वालापुर, कस्बा मीरगंज के हैं।
कही खाने को दावा, तो कही डॉक्टर नहीं--
- भमोरा सीएचसी पर एक महीने से मलेरिया की गोली नहीं।
- एडीशनल पीएचसी नौगवां हुरहुरी पर अप्रैल से डॉक्टर नहीं।
- पीएचसी दुनका पर डॉक्टर नहीं आते, फार्मासिस्ट दे रहे दवा।
- पीएचसी आनंदपुर में भी फार्मासिस्ट मरीजों को दवा दे रहे।
- मझगवां पीएचसी पर दो संविदा डॉक्टर, वह भी हड़ताल पर।
- पीएचसी हल्दीकलां में डाक्टर कभी कभार आते हैं।
- होम्योपैथिक अस्पताल सिंधौली डाक्टर न होने से दो साल से बंद।
- होम्योपैथिक अस्पताल मसिहाबाद और गुगई कभी खुलते ही नहीं।
- कंधरपुर, बड़ागांव उप स्वास्थ्य केंद्रों से एक-एक डॉक्टर को मझगवां बुला लिया गया।
- डॉक्टर के जाते ही बड़ा गांव उप-स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भारी भीड़ जमा होने लगी।
बरेली:-
एक तरफ जहां लोगो की आंखे सपा पार्टी में हो रहे मंथन पर टिकी है। तो वही दूसरी और बरेली शहर में जानलेवा बुखार अबतक 73 लोगो की मौत हो गई। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की सीएम साहब अपने परिवार को सभालने में लगे हैं। लेकिन जनता की मुसीबतें जस की तस नजर आ रही है। जिसमे स्वास्थ्य विभाग भी चुपि साधे हुआ है। इतना ही नहीं प्रशासन से जब कोई जवाब मांग जा रहा है तो उसे बरगलाया जा रहा है। वहीं आंवला तहसील दिवस में ग्रामीणों ने रामनगर पीएचसी की पोल खोली तो डॉक्टरों ने बुखार की अफवाह बता दी। आंवला और मीरगंज के कई गावों में हजारों लोग बुखार से अब भी तड़प रहे हैं। जिनका अबतक कोई भी इलाज नही हो पाया है।
एक तरफ जहां लोगो की आंखे सपा पार्टी में हो रहे मंथन पर टिकी है। तो वही दूसरी और बरेली शहर में जानलेवा बुखार अबतक 73 लोगो की मौत हो गई। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है की सीएम साहब अपने परिवार को सभालने में लगे हैं। लेकिन जनता की मुसीबतें जस की तस नजर आ रही है। जिसमे स्वास्थ्य विभाग भी चुपि साधे हुआ है। इतना ही नहीं प्रशासन से जब कोई जवाब मांग जा रहा है तो उसे बरगलाया जा रहा है। वहीं आंवला तहसील दिवस में ग्रामीणों ने रामनगर पीएचसी की पोल खोली तो डॉक्टरों ने बुखार की अफवाह बता दी। आंवला और मीरगंज के कई गावों में हजारों लोग बुखार से अब भी तड़प रहे हैं। जिनका अबतक कोई भी इलाज नही हो पाया है।
16 गावों में 49 लोगों की मौत--
- बुखार से बीते दिनों आंवला क्षेत्र के 16 गावों में 49 लोगों की मौत हुई तो मीरगंज कस्बा और तहसील क्षेत्र में ग्राम विकास अधिकारी और एमए की छात्रा समेत 24 लोगों की जान गई। बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है।
- जिसमे सीएमओ डॉक्टर विजय यादव का कहना है कि जहां भी बुरे हालात हैं, वहां तुरंत डॉक्टरों को भेजा जा रहा है।
- जिन इलाकों में ज्यादा दिक्कत है वहां कैंप लगाकर टीमें दवा बांट रही हैं।
डॉक्टर बता रहे है लोग अफवाह फैला रहें--
- एक ओर दर्जनों गावों में बुखार से लोग मर रहे हैं, वहीं डॉक्टर अपनी गर्दन बचाने को इसे अफवाह बता रहे हैं। इलाज न मिलने पर तहसील दिवस में ग्रामीणों ने शिकायत पर डॉक्टर कुछ ऐसे अपनी सफाई दे रहे हैं।
- बीते दिनों तहसील दिवस पर तिगरा खानपुर के लोगों ने रामनगर पीएचसी के डॉक्टरों की उदासीनता और गांव में बुखार से तड़प रहे लोगों का इलाज कराने की मांग की थी। इस पर एसडीएम ने डॉक्टरों को कसा तो प्रभारी डॉ. अजय कुमार ने एसडीएम को पत्र भेज सफाई दी है।
- 30 अगस्त को गांव तिगराखानपुर के नैना पाल, सुमन कुमारी, पुष्पा, राजवीर सिंह, रिंकू आदि ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि गांव में बुखार, मलेरिया, टाइफाइड फैला हुआ है।
- हर घर में लोग बीमार हैं और डॉक्टरों से इलाज नहीं मिल पा रहा है।
- रामनगर अस्पताल में दवा को मना कर दिया जाता है।
- जांच की भी सुविधा नहीं है। मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ रहा है।
- इस पर पीएचसी प्रभारी ने एसडीएम को सफाई दी कि तिगरा खानपुर में बुखार की अफवाह फैलाई जा रही है। अस्पताल में रुपये लेने की बात झूठी है।
बुखार से तड़प रहे सैकड़ों मरीज--
- आंवला और मीरगंज तहसील क्षेत्र के कई गावों में सैकड़ों मरीज बुखार से तड़प रहे हैं।
- इनमें सबसे ज्यादा इस्लामाबाद, मकरंदपुर, दलीपपुर, फुलासी, बरा सिरसा, भीमपुर, फुंदन नगर, राजपुर गौटिया, ब्योधन बुजुर्ग, ख्योराजपुर, शिवपुरी, मंझा, कस्बा शाही, सेवा ज्वालापुर, कस्बा मीरगंज के हैं।
कही खाने को दावा, तो कही डॉक्टर नहीं--
- भमोरा सीएचसी पर एक महीने से मलेरिया की गोली नहीं।
- एडीशनल पीएचसी नौगवां हुरहुरी पर अप्रैल से डॉक्टर नहीं।
- पीएचसी दुनका पर डॉक्टर नहीं आते, फार्मासिस्ट दे रहे दवा।
- पीएचसी आनंदपुर में भी फार्मासिस्ट मरीजों को दवा दे रहे।
- मझगवां पीएचसी पर दो संविदा डॉक्टर, वह भी हड़ताल पर।
- पीएचसी हल्दीकलां में डाक्टर कभी कभार आते हैं।
- होम्योपैथिक अस्पताल सिंधौली डाक्टर न होने से दो साल से बंद।
- होम्योपैथिक अस्पताल मसिहाबाद और गुगई कभी खुलते ही नहीं।
- कंधरपुर, बड़ागांव उप स्वास्थ्य केंद्रों से एक-एक डॉक्टर को मझगवां बुला लिया गया।
- डॉक्टर के जाते ही बड़ा गांव उप-स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की भारी भीड़ जमा होने लगी।
15th September, 2016