प्रियम पाठक (यूरिड मीडिया ब्यूरो)
लखनऊ
:-
केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने मोदी सरकार के 75 वर्ष से अधिक के आयु के लोगो को मंत्री न बनाये जानेे के निर्णय की जानकारी न होने की बात केह कर। अपना ही गड़ा मुर्दा उखाड़ लिया है। इस मुद्दे को लेकर के उत्तर प्रदेश भाजपा में कलराज विरोधी लाबी सक्रिय हो गई है। भाजपा सुत्रो के अनुसार कई लोगो ने कलराज के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष रहते भ्रष्टाचार तथा भाई भतीजा के मुद्दे को लेकर पोस्टर बाजी शुरु कर दी है। यही नही प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखे जा रहे है। कलराज विरोधियों ने यह मामला भाजपा कि राष्ट्रीय कार्यकारणी में भी उठाने का मन बनाया है.
विधान सभा चुनाव से पहले मोदी सरकार में कलराज को सरक्षण देना भाजपा के लिए नई समस्या खड़ी कर सकता है। कैन्द्र में सरकार बनाते समय प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी व ड़ा मुरली मनोहर जोशी को जिस बेदर्दी से बाहर निकाल कर निष्क्रिय कर दिया गया। उसी फार्मूले तहत मध्यप्रदेश के दो वरिष्ट मंत्रीयो बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने बाहर कर दिया जबकि ये दोनों इस्तिफा देने को तैयार नही थे। यही नही गुजरात मे प्रधानमंत्री मोदी कि उत्तराधिकारी बनी अंनदी बेन पटेल ने 75 वर्ष पुरा होने से पहले ही इस्तिफा दे दिया।
मोदी सरकार के मंत्रीमंडल विस्तार के समय ही 75 की आयु पुरी कर चुकी दो मंत्री नजमा हेफतुल्ला के हटाये जाने की चर्चा जोरो पर थी। इन दोनों को मंत्रीमंडल से तो नही हटाया गया परन्तु विदेश से लौटते ही नजमा हेफतुल्ला ने मंत्री पद से इस्तिफा दे दिया. भाजपा में तभी से चर्चा है कलराज मिश्र पर प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह की ऐसी कृपा क्यों बरस रही है। भाजपा सूत्रो का कहना है की कैन्द्रिय मंत्री राजनाथ सिंह के प्रभाव के कारण सत्ता समीकरण के कुछ लोग परेशान है। कलराज को 75 का मिल अभय दान कैन्द्र और उत्तर प्रदेश में राजनाथ के समीकरण को साधने के लिए दिया गया है। दुसरा कारण यह है कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा के चुनाव होने है। ब्राहम्ण मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में रखने के लिए कलराज की जरुरत है। प्रदेश भाजपा में कलराज का नाम अन्य ब्राहम्ण नेताओं से बड़ा है।
15th September, 2016