यूरिड मीडिया डेस्क
:- देश के सबसे बड़े राजनैतिक घराने मुलायम सिंह यादव परिवार में छिड़े सत्ता संघर्ष पर विराम लगा है, खत्म नहीं हुआ है। स्थितियाँ अब मुलायम सिंह यादव के हाथ से बाहर हो गई हैं। समाजवादी पार्टी व परिवार दोनों के मुखिया मुलायम सिंह यादव, बेटे अखिलेश, भाई शिवपाल व समर्थकों को डांटते रहेंगे लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव और इसके साथ ही उनके समर्थक करेंगे वही जो उन्हें करना है बस फर्क सिर्फ इतना होगा की ये सब एक दूसरे पर हमला भी करेंगे तो सटीक मौका तलाश कर। इसकी शुरुआत शिवपाल सिंह यादव ने कर भी दी है। सपा के यूथ इकाई के नेताओं मो. एबाद, दिग्विजय सिंह देेव, मुंतजीम किदवई, प्रदीप तिवारी, विकास यादव, बृजेश यादव को पार्टी से निष्काषित कर दिया।
इसके साथ ही सीएम अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले विधानपरिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया और संजय लाठर को पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं अनुशाशनहीनता के चलते बर्खास्त कर दिया जबकि रामगोपाल यादव के भांजे एमएलसी अरविंद सिंह यादव को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उनके उपर आरोप हैं कि उन्होने सपा मुखिया मुलायम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कि थी व इसके साथ ही उनपर अवैध शराब व ज़मीन कब्जाने के भी आरोप लग चुके हैं।
शिवपाल यादव के इस निर्णय पर सीएम अखिलेश यादव क्या रुख अपनाते हैं यह तय करेगा कि चाचा-भतीजे के बीच सत्ता संघर्ष कि रूपरेखा क्या होगी ?
19th September, 2016