लखनऊ।
बसपा मुख्यिा मायावती पार्टी को अपनी रियल स्टेट कम्पनी बनाकर धन उगाही कर रही हैं। बसपा की महारानी कहती है कि कांशी राम ने उनके नाम पार्टी वसीयत कर दिया है। परन्तु उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि विचारधारा और आन्दोलन वसीयत से नहीं चलती। लायक अनुयायी ही विचारधारा को आगे बढ़ा सकता है। यह बातें बीएस. 4 के अध्यक्ष आर.के. चैधरी ने रविवार को प्रेस क्लब में कही।
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आर के चैधरी ने कहा कि अम्बेडकर वादी विचारधारा और मान्यवर कांशीराम का सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन कोई प्रापर्टी नहीं है कि उसे बसपा की महारानी अपनी ‘‘रियल स्टेट कम्पनी’’ बनाकर धन उगाही करें। उन्होंने कहा कि दलितों और शोषितों के मसीहा मान्यवर कांशी राम जी भारत में सामाजिक परिवर्तन के महानायक थे। आज उनका परिनिर्वाण दिवस है। भारतीय समाज की बुनावट के बारे में उनकी सोच अद्भुद थी। वे कहते थे कि मनुवादियों ने दलित शोषित समाज को जाति के आधार पर बड़े पैमाने पर तोड़ा है। 6000 से अधिक जातियों में तोड़े गये इन लोगों को जोड़कर हम ‘‘बहुजन समाज’’ बनाने की कोशिश में लगे हैं। बहुजन समाज बनने से यह भारत का ‘‘हुकमरान समाज’’ बन सकता है। जातियों में बंटकर यह समाज सदियों से कमजोर हुआ है। मान्यवर कांशीराम जी भारत में सोशल इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं। एक सशक्त बहुजन समाज बनाने के प्रयोग में ही उन्होंने 1993 में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन किया था। इस सामाजिक गठबंधन से उस वक्त ‘बहुजन समाज’ के हौसले ने स्वयं नारा लगा दिया। ‘‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा हो गये जै श्री राम।’’ इस गठबंधन से उभरती ‘बहुजन समाज की शक्ति’ को मनुवादी बर्दाश्त नहीं कर पाये। एक गहरी साजिश करके मनुवादियों ने सपा-बसपा गठबंधन तोड़वा दिया।
कांशी राम जी ने संघर्ष करके महात्मा फूले, छत्रपति शाहू जी, पेरियार और बाबा साहेब डाॅ0 अम्बेडकर की विचारधारा को आगे बढ़ाया। उन्होंनें ‘‘भारत में सामाजिक परिवर्तन’’ का एक बड़ा मूवमेण्ट खड़ा किया। उनकी मौत के बाद ‘सामाजिक परिवर्तन मूवमेण्ट’ को बड़ा झटका लगा।
बसपा मुख्यिा मायावती पार्टी को अपनी रियल स्टेट कम्पनी बनाकर धन उगाही कर रही हैं। बसपा की महारानी कहती है कि कांशी राम ने उनके नाम पार्टी वसीयत कर दिया है। परन्तु उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि विचारधारा और आन्दोलन वसीयत से नहीं चलती। लायक अनुयायी ही विचारधारा को आगे बढ़ा सकता है। यह बातें बीएस. 4 के अध्यक्ष आर.के. चैधरी ने रविवार को प्रेस क्लब में कही।
प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आर के चैधरी ने कहा कि अम्बेडकर वादी विचारधारा और मान्यवर कांशीराम का सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन कोई प्रापर्टी नहीं है कि उसे बसपा की महारानी अपनी ‘‘रियल स्टेट कम्पनी’’ बनाकर धन उगाही करें। उन्होंने कहा कि दलितों और शोषितों के मसीहा मान्यवर कांशी राम जी भारत में सामाजिक परिवर्तन के महानायक थे। आज उनका परिनिर्वाण दिवस है। भारतीय समाज की बुनावट के बारे में उनकी सोच अद्भुद थी। वे कहते थे कि मनुवादियों ने दलित शोषित समाज को जाति के आधार पर बड़े पैमाने पर तोड़ा है। 6000 से अधिक जातियों में तोड़े गये इन लोगों को जोड़कर हम ‘‘बहुजन समाज’’ बनाने की कोशिश में लगे हैं। बहुजन समाज बनने से यह भारत का ‘‘हुकमरान समाज’’ बन सकता है। जातियों में बंटकर यह समाज सदियों से कमजोर हुआ है। मान्यवर कांशीराम जी भारत में सोशल इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं। एक सशक्त बहुजन समाज बनाने के प्रयोग में ही उन्होंने 1993 में उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन किया था। इस सामाजिक गठबंधन से उस वक्त ‘बहुजन समाज’ के हौसले ने स्वयं नारा लगा दिया। ‘‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा हो गये जै श्री राम।’’ इस गठबंधन से उभरती ‘बहुजन समाज की शक्ति’ को मनुवादी बर्दाश्त नहीं कर पाये। एक गहरी साजिश करके मनुवादियों ने सपा-बसपा गठबंधन तोड़वा दिया।
10th October, 2016