उन्होने आरोप लगाया कि ये दोनों दल साम, दाम, दण्ड, भेद का हथकण्डा अपनायेंगे और बड़े-बड़े पूंजिपतियों व धन्नासेठों के धनबल, अफवाहों व धर्म एवं सम्प्रदायों के ध्रुवीकरण के बल पर अब तक सत्ता में आते रहे हैं। ऐसे में बसपा कार्यकर्ताओं को इनसे सावधान रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पूँजीपतियों द्वारा संचालित मीडिया संगठनों द्वारा तमाम चुनावी सर्वे जारी किये जाते हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को इन सर्वे की खबरों से भी सावधान रहने की जरुरत है।