लखनऊ:-
हमेशा से विवादों में घिरे रहने वाले लखनऊ जिलाधिकारी व पूर्व एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विकास परियोजनाओ को सफल रूप से क्रियान्वित ना कर पाने के चलते गाज गिर सकती है। इस संबंध में जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं लगा।
लखनऊ डीएम सत्येंद्र सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है.... आइये डालते हैं एक नजर...
- एक बार पूर्व सपा विधायक रामपाल यादव ने इन्हें समर्थकों संग सड़क पर दौड़ा लिया था। उस समय अपनी जान बचाने के लिए इन्होंने रेलिंग से छलांग लगाई थी।
- इसके बाद पार्टी के आलाकमान के आदेश पर उनके अवैध निर्माणों को ढहाने का सिलसिला शुरू हो गया।
- विधायक का राजधानी के जियामऊ एरिया में भी अवैध कॉम्प्लेक्स था।
- इसे ढहाने के लिए जब एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह दल-बल के साथ गए तो विधायक हमलावर हो गए।
- उन्होंने मौके पर खड़े एसएसपी राजेश पांडे से कार्रवाई रूकवाने को कहा और उन्हें देख लेने की धमकी दी।
- तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडे ने उनसे कहा- 'हम लॉ एंड आर्डर के लिए हैं, आप एलडीए के अफसरों से बात कीजिए।'
- इस पर रामपाल यादव ने एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह को गाली दी और उनसे बदसुलूकी शुरू कर दी।
- माहौल बिगड़ता देख और विधायक समर्थकों का गुस्सा देख एलडीए वीसी वहां से अपनी कार की ओर भागने लगे।
- रास्ते में पांच फुट की रेलिंग आई तो वह उस पर से कूद कर अपनी कार में बैठकर भाग गए थे।
सचिव को अकेला छोड़कर भागे थे वीसी
- तत्कालीन एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह अपने सचिव श्रीश चंद्र वर्मा को छोड़़कर भाग गए थे।
- उनके बाद जब श्रीशचंद्र वर्मा ने अपना पक्ष रखा तो विधायक रामपाल यादव ने उनका कॉलर पकड़ लिया।
- इतना ही नहीं रामपाल के बेटे जितेंद्र यादव ने उनपर पिस्टल भी तान दी थी।
पुलिस को करना पड़ा था लाठी चार्ज
- इसके बाद पुलिस को विधायक के समर्थकों और परिवारीजनों पर लाठियां बरसाने को मजबूर होना पड़ा था।
- बाद में इनके बेटे की पार्टनरशिप वाले सीतापुर के अवैध होटल स्पर्श को भी गिरा दिया गया था।
घर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने से लेकर लंबी है आरोपों की लिस्ट
- एलडीएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने बताया कि सत्येंद्र सिंह ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को 'घोटाला प्राधिकरण' बना दिया था।
- इन पर अपने आवासीय परिसर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने के आरोप लगे।
- इनके घर के ऊपर मोबाइल टावर लगा था और बैंक खोलने की भी तैयारी थी।
- मामले के तूल पकड़ने पर इन्होंने इन्हें बंद करवाया।
- इतना ही नहीं इन्होंने गोमतीनगर एक्सटेंशन के 3400 करोड़ के 42 प्लॉटों को समायोजन के नाम पर रसूखदारों को दे दिए।
- इससे प्राधिकरण को सिर्फ 120 करोड़ मिले लेकिन पर्सनली इनका काफी लाभ हुआ।
- इसके अलावा इन पर शहीद पथ फेस के गोमतीनगर एक्सटेंशन सेक्टर 4 में भी प्लॉटों के अनियमित समायोजन के आरोप लगे।
एलडीए वीसी से पहले थे बहराइच डीएम, अर्दली से बंधवाया था जूते का फीता
- लखनऊ के डीएम बने सत्येंद्र सिंह, एलडीए वीसी से पहले बहराइच के डीएम थे।
- यह वहां वर्ष 2014 में अपने अर्दली से जूते के फीते बंधवाने को लेकर चर्चा में आए थे।
- सूत्रों की मानें तो जिस बैठक में राजशेखर ने जमीनों को कॉमर्शियल करने का खुला विरोध किया था उसी बैठक में बतौर एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने जमीनें कॉमर्शियल करने की सिफारिश की थी।
- साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी की जमीन भी कॉमर्शियल करा दी थी।
हमेशा से विवादों में घिरे रहने वाले लखनऊ जिलाधिकारी व पूर्व एलडीए उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की विकास परियोजनाओ को सफल रूप से क्रियान्वित ना कर पाने के चलते गाज गिर सकती है। इस संबंध में जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं लगा।
लखनऊ डीएम सत्येंद्र सिंह का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है.... आइये डालते हैं एक नजर...
- एक बार पूर्व सपा विधायक रामपाल यादव ने इन्हें समर्थकों संग सड़क पर दौड़ा लिया था। उस समय अपनी जान बचाने के लिए इन्होंने रेलिंग से छलांग लगाई थी।
- विधायक का राजधानी के जियामऊ एरिया में भी अवैध कॉम्प्लेक्स था।
- इसे ढहाने के लिए जब एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह दल-बल के साथ गए तो विधायक हमलावर हो गए।
- उन्होंने मौके पर खड़े एसएसपी राजेश पांडे से कार्रवाई रूकवाने को कहा और उन्हें देख लेने की धमकी दी।
- तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडे ने उनसे कहा- 'हम लॉ एंड आर्डर के लिए हैं, आप एलडीए के अफसरों से बात कीजिए।'
- इस पर रामपाल यादव ने एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह को गाली दी और उनसे बदसुलूकी शुरू कर दी।
- माहौल बिगड़ता देख और विधायक समर्थकों का गुस्सा देख एलडीए वीसी वहां से अपनी कार की ओर भागने लगे।
- रास्ते में पांच फुट की रेलिंग आई तो वह उस पर से कूद कर अपनी कार में बैठकर भाग गए थे।
- उनके बाद जब श्रीशचंद्र वर्मा ने अपना पक्ष रखा तो विधायक रामपाल यादव ने उनका कॉलर पकड़ लिया।
- इतना ही नहीं रामपाल के बेटे जितेंद्र यादव ने उनपर पिस्टल भी तान दी थी।
- बाद में इनके बेटे की पार्टनरशिप वाले सीतापुर के अवैध होटल स्पर्श को भी गिरा दिया गया था।
घर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने से लेकर लंबी है आरोपों की लिस्ट
- एलडीएम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने बताया कि सत्येंद्र सिंह ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को 'घोटाला प्राधिकरण' बना दिया था।
- इन पर अपने आवासीय परिसर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने के आरोप लगे।
- इनके घर के ऊपर मोबाइल टावर लगा था और बैंक खोलने की भी तैयारी थी।
- मामले के तूल पकड़ने पर इन्होंने इन्हें बंद करवाया।
- इतना ही नहीं इन्होंने गोमतीनगर एक्सटेंशन के 3400 करोड़ के 42 प्लॉटों को समायोजन के नाम पर रसूखदारों को दे दिए।
- इससे प्राधिकरण को सिर्फ 120 करोड़ मिले लेकिन पर्सनली इनका काफी लाभ हुआ।
- इसके अलावा इन पर शहीद पथ फेस के गोमतीनगर एक्सटेंशन सेक्टर 4 में भी प्लॉटों के अनियमित समायोजन के आरोप लगे।
- इन पर अपने आवासीय परिसर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने के आरोप लगे।
- इनके घर के ऊपर मोबाइल टावर लगा था और बैंक खोलने की भी तैयारी थी।
- मामले के तूल पकड़ने पर इन्होंने इन्हें बंद करवाया।
- इतना ही नहीं इन्होंने गोमतीनगर एक्सटेंशन के 3400 करोड़ के 42 प्लॉटों को समायोजन के नाम पर रसूखदारों को दे दिए।
- इससे प्राधिकरण को सिर्फ 120 करोड़ मिले लेकिन पर्सनली इनका काफी लाभ हुआ।
- इसके अलावा इन पर शहीद पथ फेस के गोमतीनगर एक्सटेंशन सेक्टर 4 में भी प्लॉटों के अनियमित समायोजन के आरोप लगे।
एलडीए वीसी से पहले थे बहराइच डीएम, अर्दली से बंधवाया था जूते का फीता
- लखनऊ के डीएम बने सत्येंद्र सिंह, एलडीए वीसी से पहले बहराइच के डीएम थे।
- यह वहां वर्ष 2014 में अपने अर्दली से जूते के फीते बंधवाने को लेकर चर्चा में आए थे।
- सूत्रों की मानें तो जिस बैठक में राजशेखर ने जमीनों को कॉमर्शियल करने का खुला विरोध किया था उसी बैठक में बतौर एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने जमीनें कॉमर्शियल करने की सिफारिश की थी।
- साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी की जमीन भी कॉमर्शियल करा दी थी।
- यह वहां वर्ष 2014 में अपने अर्दली से जूते के फीते बंधवाने को लेकर चर्चा में आए थे।
- सूत्रों की मानें तो जिस बैठक में राजशेखर ने जमीनों को कॉमर्शियल करने का खुला विरोध किया था उसी बैठक में बतौर एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह ने जमीनें कॉमर्शियल करने की सिफारिश की थी।
- साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी की जमीन भी कॉमर्शियल करा दी थी।
8th November, 2016