लखनऊः
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 500 व 1000 के नोट बंद करने के इतिहासिक फैसले से पूरे देश में हड़कंम्प मच गया है। जहां एक काला धन का खजाना रखने वाले इस बात से परेशान ही की अब उनका क्या होगा तो वही आम जनता भी इससे काफी परेशान है लेकिन ऐसा पहले भी हो चूका है जब भारत मे 5000 व 10.000 के नोट बंद किये गए। अर्थव्यवस्था में चलन से 500 और 1,000 रुपए के नोट को अचानक वापस लेने का सरकार का फैसला अब तक का एकमात्र नया फैसला नहीं है। इससे पहले भी जनवरी 1946 में और फिर 1978 में 1,000 रुपए और इससे बड़ी राशि के नोटों को वापस लिया जा चुका है। रिजर्व बैंक ने अब तक सबसे बड़ा नोट 1938 और फिर 1954 में 10,000 रुपए का छापा था। लेकिन इन नोटों को पहले जनवरी 1946 में और फिर जनवरी 1978 में वापस ले लिया गया।
10,000 रुपए के नोट भी थे प्रचलन मेंः
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- रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
- जनवरी 1946 से पहले 1,000 और 10,000 रुपए के बैंक नोट प्रचलन में थे।
- इसके बाद 1954 में 1,000 रुपए, 5,000 रुपए और 10,000 रुपए के बैंक नोट जारी किये गए।
- इन सभी को जनवरी 1978 में वापस ले लिया गया।
नवंबर 2000 में एक हजार रुपए का नोट फिर जारी हुआ। इससे पहले अक्तूबर 1987 में 500 रुपए का नोट चलन में लाया गया। तब महंगाई के मद्देनजर चलन में भारी संख्या में जारी नोटों को नियंत्रित करने के लिये इसे जारी करने को उचित ठहराया गया। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब 2,000 रुपए का नोट चलन में लाया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (9 नवंबर) मध्यरात्रि से 500 और 1,000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि 500 रुपए और 2,000 रुपए का नया नोट जारी किया जायेगा। ये नोट 10 नवंबर को ही जारी कर दिये जायेंगे। इससे पहले वाटरमार्क में अशोक स्तंभ वाला 10 रुपए का नोट 1967 और 1992 के बीच जारी किये गये। 20 रुपए का नोट 1972 और 1975 के बीच, 50 रुपए का नोट 1975 और 1981 तथा 100 रुपए का नोट 1967 और 1979 के बीच जारी किया गया। इस दौरान जो भी बैंक नोट जारी किये गये उनमें वाटरमार्क में अशोक स्तंभ के अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भारतीय कला के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति से जुड़े प्रतीकों को नोट में छापा गया।
9th November, 2016