देश में नोटबंदी के बाद मची हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मंदी में कालाधन ही अर्थव्यवस्था को बचाता है. हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि वो काले धन के खिलाफ हैं. अखिलेश ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी को जिस तरह से लागू किया है उससे अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.
जनता को हुई परेशानी
अखिलेश ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी करके जनता को मुश्किल में डाला है. उन्होंने कहा, 'जो सरकारें जनता को दुख देती हैं, जनता उस सरकार को हटा देती है. इस सरकार ने जनता को दुख और परेशानी दी है.'
सरकार ने नहीं की सही तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि न सिर्फ राजनीतिक पार्टियां बल्कि जनता भी इसके खिलाफ है क्योंकि सरकार ने नोटबंदी के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति के लिए ठीक ढंग से तैयारी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि लोगों को मांग के मुकाबले रुपया कम मिल रहा है और बैंक उन्हें पूरा पैसा उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं.
सरकार ने नहीं ली सीख
अखिलेश ने कहा, 'लोग गांवों से आ रहे हैं और उन्हें रुपये नहीं मिल रहे हैं. यूपी में लोगों को रुपये वितरित करने में 6 महीने लगेंगे. पिछली बार जब नोटबंदी हुई थी, तब भी इस तरह की स्थिति बनी थी. सरकार ने पिछली नोटबंदी के बाद की स्थिति से कोई सीख नहीं ली.'
सौजन्य से-आजतक
देश में नोटबंदी के बाद मची हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मंदी में कालाधन ही अर्थव्यवस्था को बचाता है. हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि वो काले धन के खिलाफ हैं. अखिलेश ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी को जिस तरह से लागू किया है उससे अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.
जनता को हुई परेशानी
अखिलेश ने कहा कि सरकार ने नोटबंदी करके जनता को मुश्किल में डाला है. उन्होंने कहा, 'जो सरकारें जनता को दुख देती हैं, जनता उस सरकार को हटा देती है. इस सरकार ने जनता को दुख और परेशानी दी है.'
सरकार ने नहीं की सही तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि न सिर्फ राजनीतिक पार्टियां बल्कि जनता भी इसके खिलाफ है क्योंकि सरकार ने नोटबंदी के बाद उत्पन्न होने वाली स्थिति के लिए ठीक ढंग से तैयारी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि लोगों को मांग के मुकाबले रुपया कम मिल रहा है और बैंक उन्हें पूरा पैसा उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं.
सरकार ने नहीं ली सीख
अखिलेश ने कहा, 'लोग गांवों से आ रहे हैं और उन्हें रुपये नहीं मिल रहे हैं. यूपी में लोगों को रुपये वितरित करने में 6 महीने लगेंगे. पिछली बार जब नोटबंदी हुई थी, तब भी इस तरह की स्थिति बनी थी. सरकार ने पिछली नोटबंदी के बाद की स्थिति से कोई सीख नहीं ली.'
सौजन्य से-आजतक