यदुबंश की एकता के साथ फाइटर आगाज...
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विजय शंकर पंकज (यूरिड मीडिया)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन आैर मुख्यमंत्री बेटा अखिलेश यादव का पिता को बर्थ-डे गिफ्ट- 'आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे ' उन्नाव के पास आयोजित हाईवे पर वायुसेना के विमानों की लैन्डिग तथा टेकआफ के साथ शौर्य प्रदर्शन की घटनाओं ने जहां देश के लिए सुरक्षा मामलों में यूपी के योगदान को दर्शा गया, वही राजनीतिक रूप से भी नयी दिशा दे गया। पिछले लगभग चार माह से कलह से जूझ रहा प्रदेश का सबसे राजनीतिक ताकतवर यदुबंशी परिवार की कड़वाहट आज खत्म होती दिखी। एक दूसरे के अपमान में जूझे परिवार के सदस्य पुराने संस्कारों के मुताबिक एक दूसरे का सम्मान आैर प्यार के साथ सपा कार्यकर्ताओं, समर्थकों आैर राज्य की जनता को नया संदेश दे गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे को प्रदेश की 'तरक्की' का हाईवे करार दिया तो कम समय में इसके निर्माण को अंजाम देने के लिए मुलायम सिंह यादव ने पहली बार अपने बेटे के विकास कार्यो के कशीदे काटे।
अखिलेश का फाइटर आगाज--
एतिहासिक काल से भारतीय जनमानस की यह धारणा रही है कि यदुबंश एकजुट रहा तो सामाजिक स्थितियां जुझा डिग्री आैर लड़ाकू रहेगी। मुलायम सिंह यादव ने यदुबंश की एकता को कायम कर विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता को यह संदेश दे दिया कि अब सब एकजुट होकर चुनाव में डंका बजाने को तैयार है। अभी कुछ दिनों पहले तक चचेरे भाई राम गोपाल को भ्रष्टाचारियों का साथ देने वाले शिवपाल यादव मंच पर पैर छूते दिखे तो समाजवादी पार्टी का पूरा नजारा बदला सा लग रहा था। वैसे रामगोपाल की वापसी संसद शु डिग्री होने से पहले ही हो गयी परन्तु आज पूरा यह राजनीतिक कुनबा बहुत दिनों बाद एक मंच पर सम्मान आैर अनुशासन के साथ दिखा। इसके पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी पिता सहित दोनों ही चचाओं का पैर छूकर आर्शिवाद ले चुके थे। हाईवे के उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पूरा हाव-भाव उस सेनापति की तरह था जो रणभूमि में जाने से पहले अपनी सेना का न केवल हौसला बढा रहा हो बल्कि आगे बढ़कर लड़ने का मद्दा भी रखता है।
मुलायम का शान्ति संदेश--
पिछले कई वर्षो से पिता की लगातार आलोचना झेल रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सोमवार को पिता का न केवल आर्शिवाद मिला बल्कि विधानसभा चुनाव में जाने से पहले आर्शिवाद आैर सहयोग भी। अखिलेश को प्रदेश की बागडोर सौंपने के बाद भी मुलायम सिंह यादव समय-समय पर सार्वजनिक मंचों से आलोचना करते आ रहे थे। मुलायम के इस आलोचनात्मक रूख से जनता में नकरात्मक संदेश जा रहा था। यही मामला परिवार में विवाद की पराकाष्ठा तक पहुंच गया था। मुलायम का सोमवार का रूख काफी सधा आैर सकरात्मक था। पूरे भाषण के दौरान मुलायम मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश की प्रशंसा में लगे रहे। अखिलेश से लेकर किसी भी परिवारी जन तथा सरकार के खिलाफ मुलायम के भाव प्रशंसा के ही रहे। मुलायम ने सरकार की प्रशंसा कर आैर अखिलेश के विकास कार्यो सराहना कर विधानसभा चुनाव प्रचार का भी एक तरह से आगाज कर दिया। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का शिलान्यास मुलायम सिंह यादव ने किया था आैर तब मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश पर तंज कसा कि केवल शिलान्यास ही करावोगे कि उद्घाटन भी होगा। उसी समय अखिलेश ने कम समय में हाईवे का निर्माण कर पिता के ही हाथों उद्घाटन कराने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री बेटे ने पिता के जन्म दिन पर इस हाईवे का पिता सांसद से उद्घाटन कराकर सबसे बड़ा आर्शिवाद हासिल कर लिया। यही वजह रही कि पिता को अपने बेटे के विकास कार्यो पर आज गर्व करने का सहारा मिल गया।
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एतिहासिक काल से भारतीय जनमानस की यह धारणा रही है कि यदुबंश एकजुट रहा तो सामाजिक स्थितियां जुझा डिग्री आैर लड़ाकू रहेगी। मुलायम सिंह यादव ने यदुबंश की एकता को कायम कर विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता को यह संदेश दे दिया कि अब सब एकजुट होकर चुनाव में डंका बजाने को तैयार है। अभी कुछ दिनों पहले तक चचेरे भाई राम गोपाल को भ्रष्टाचारियों का साथ देने वाले शिवपाल यादव मंच पर पैर छूते दिखे तो समाजवादी पार्टी का पूरा नजारा बदला सा लग रहा था। वैसे रामगोपाल की वापसी संसद शु डिग्री होने से पहले ही हो गयी परन्तु आज पूरा यह राजनीतिक कुनबा बहुत दिनों बाद एक मंच पर सम्मान आैर अनुशासन के साथ दिखा। इसके पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी पिता सहित दोनों ही चचाओं का पैर छूकर आर्शिवाद ले चुके थे। हाईवे के उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पूरा हाव-भाव उस सेनापति की तरह था जो रणभूमि में जाने से पहले अपनी सेना का न केवल हौसला बढा रहा हो बल्कि आगे बढ़कर लड़ने का मद्दा भी रखता है।