लखनऊः
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यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा रेल हादसा इंदौर- राजेंद्र नगर एक्सप्रेस हादसे के बाद कई तरह के चौंकाने वाले कारण सामने आ रहै है. सूत्रों की माने तो रेलवे की एक रिपोर्ट में झांसी से पनकी-कानपुर रेल ट्रेक को कई जगह अनफिट करार दिया गया था। इन ट्रेक पर रेल की अधिक्तम स्पीड 30 किमी/घंटा की रफ्तार रखने की सलह दि गई थी। पर राजेन्द्र नगर एक्सप्रेस 110 किमी/घंटा की स्पीड से चल रही थी।
सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर में दी गई रिपोर्ट में रेलवे अफसरों ने झांसी-कानपुर के बीच सात पॉइंट चिह्नित किए थे, जो ट्रेन की ज्यादा गति के अनुकूल नहीं थे। रिपोर्ट में खासतौर पर कहा गया था कि मलासा से भीमसेन आउटर केबिन के बीच स्पीड कम रखी जाए। इस सेक्शन में ही रविवार सुबह राजेंद्र नगर एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। यहां ट्रैक पॉइंट्स लूज बताए गए थे। झांसी, उरई, आटा, कालपी जैसे पॉइंट्स पर भी ट्रैक को कमजोर बताया गया था। भीमसेन से पनकी के बीच जून और अगस्त में ट्रैक की रिपेयरिंग भी हुई थी। हादसे के बाद ट्रैक की स्थिति भांपते हुए ही रेल संरक्षा आयुक्त पीके आचार्य ने एक्सिडेंट पॉइंट पर अधिकतम स्पीड 20 किमी रखने का आदेश दिया है।
24th November, 2016