लखनऊ में गुरुवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा मेट्रो रेल का धूमधाम के साथ उद्घाटन करने की आलोचना करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने इसे अखिलेश यादव का उतावलापन बताया.
मायावती ने कहा कि मेट्रो परियोजना की शुरुआत बसपा शासनकाल में हुई थी. मायावती ने बसपा की सरकार आने पर सपा शासनकाल में हुई नियुक्तियों और जमीनों की खरीद-फरोख्त सहित आर्थिक घोटालों की जांच कराने की भी घोषणा की.
बसपा अध्यक्ष ने गुरुवार को जारी अपने बयान में सपा सरकार पर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आधी-अधूरी योजनाओं का उद्घाटन करने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि इसी मानसिकता के तहत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ मेट्रो रेल का ट्रायल रन भी खुद ही शुरू करने की अपनी बचकानी जिद को पूरा कर लिया.
मायावती ने कहा कि वह थोड़े दिन और इंतजार कर लेते और 26 मार्च, 2017 को जब मेट्रो रेल का औपचारिक संचालन शुरू होता, तब इसका उद्घाटन करते. लखनऊ से पहले नोएडा और गाजियाबाद में भी मेट्रो रेल का संचालन शुरू किया गया था, लेकिन तब परंपरानुसार शालीनता निभाई गई थी.
मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि सरकार के मुखिया को पूरा विश्वास हो चुका है कि वह अब सत्ता में वापस लौटने वाले नहीं हैं. इसलिए वह आधी-अधूरी योजनाओं का उद्घाटन करने को बेताब हैं.
उन्होंने कहा कि मेट्रो बसपा सरकार द्वारा वर्ष 2008 में शुरू की गई थी. फरवरी 2008 में डीएमआरसी और एलडीए के बीच में अनुबंध हुआ था. इसका सरकारी गजट टेक्नीकल सर्वे जुलाई 2008 में हुआ था. अक्टूबर 2008 में एलडीए द्वारा इस परियोजना की कार्ययोजना को स्वीकृति दी गई थी. इसके बाद जुलाई 2011 में इसकी डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी गई थी और लखनऊ मेट्रो के बुनियादी काम बसपा सरकार में ही पूरे कर लिए गए थे.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि लखनऊ मेट्रो का काम पूरा करने में सपा सरकार ने पूरे साढ़े चार वर्षो का लंबा समय लगा दिया, जबकि इसके औपचारिक उद्घाटन में अब भी काफी वक्त बाकी है.