नई दिल्लीः
- भारत में नोटबंदी के बाद से बढ़ रहे कैशलेस लेन-देन पर साइबर अटैक का खतरा बढ़ गया है। इनसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है। यह चेतावनी देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने दी है। एजेंसी ने सभी ग्राहकों, बैंकर्स व कारोबारियों को स्कीमिंग और मालवेयर के हमले से बचने के उपाय को कहा है।
माइक्रो-एटीएम जीपीआरएस नेटवर्क के जरिए बैंकों के सर्वरों से जुड़ते हैं। ऐसे में ‘सीईआरटी-इन’ (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया) ने नेटवर्क की सुरक्षा को मजबूत बनाने और अपडेट करने की जरूरत पर बल दिया है। परामर्श में कहा गया है, ‘परंपरागत रूप से पीओएस प्रणाली में डाटा मेमोरी में रहता है।
यह डाटा गैर-एनक्रिप्टेड रूप में होता है, जिस कारण डाटा चुराने की कोशिश सफल हो सकती है।’ परामर्श के मुताबिक जल्द से जल्द कार्ड के डाटा को एनक्रिप्ट करके और मशीन में अधिकतम समय तक एनक्रिप्ट सुनिश्चित करके इसके खतरों को कम किया जा सकता है।
5th December, 2016