यूरिड मीडिया ग्रुप:-
सर्वे में उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों और 2017 विधानसभा चुनाव को लेकर मई-जून, 2016 एवं सितम्बर-अक्टूबर-2016 में विधानसभा सीटों का सभी जाति, धर्म एवं आयु वर्ग के मतदाताओं की राय जानने का प्रयास किया। सर्वे में सभी राजनीतिक दलों के बारे में मतदाताओं की राय स्पष्ट है। यह भी तय है कि 2007 एवं 2012 की तरह 2017 में भी बहुमत की ही सरकार बनेगी। किसकी सरकार बनेगी यह चुनाव के दौरान ’जाति धर्म के ध्रुवीकरण के साथ‘ ही लगभग 7 प्रतिशत ’फ्लोटिग मतदाता‘ तय करेंगे। इसमें अभी समय है, लेकिन चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद ’फ्लोटिंग‘ मतदाताओं के रूझान दिखने लगेगी।
यूरिड मीडिया ने जून से अक्टूबर के बीच दो सर्वे किये हैं। सर्वे के दौरान घटनाक्रम भी बदलते रहे। 2016 तक जो राजनीतिक परिदृश्य और घटनाक्रम हैं उस पर मतदाताओं ने बेबाकी से अपनी राय व्यक्त की है। सर्वे के अनुसार जून-जुलाई 2016 में बसपा 26 प्रतिशत सपा एवं भाजपा 23 एवं 24 प्रतिशत कांग्रेस 15 एवं अन्य 12 प्रतिशत मतदाताओं की पसन्द थे। अगर हम इस प्रतिशत को सीटों में बदलें तो किसी की भी बहुमत की सरकार नहीं बन रही थी और 100 से लेकर 155 सीटों तक आंकड़ा पहुँच रहा था, लेकिन तीन महीनों के राजनीति घटनाक्रम और चुनावी तैयारियों के बाद अक्टूबर सर्वे में स्थितियां बदल गयीं।
मतदताओं का नजरिया भी बदला है। जिस तरह भाजपा, सपा, बसपा एवं कांग्रेस ने अलग-अलग तरीके से जनसम्पर्क अभियान शुरू किया उससे भी जनता में चुनावी चर्चा और जागरूकता बढ़ गयी। इसका प्रभाव यह हुआ कि जून की तुलना में अक्टूबर में मतदाताओं की राय का क्रम बदला है। भाजपा 26 प्रतिशत, सपा एवं बसपा 23-23 प्रतिशत कांग्रेस 16 प्रतिशत और अन्य दल 12 प्रतिशत मतदाताओं की पसन्द थे। इस प्रतिशत को सीटों में बदलें तो आज भी किसी दल की बहुमत की सरकार नहीं बन रही है, लेकिन चुनावी समीकरण और पिछले चुनाव परिणाम भी यह बताते हैं कि बहुमत की सरकार बनेगी और ’फ्लोटिंग“ मतदाता तय करेंगे।
आयोग के आंकड़े बताते हैं कि बहुमत की सरकार 29 से 33 प्रतिशत मतों पर बनती है। सर्वे में मतदाताओं ने भाजपा, सपा, एवं बसपा के बीच जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण त्रिकोणत्मक संघर्ष के संकेत दिये हैं। इस संघर्ष में 6-7 प्रतिशत सभी जाति धर्म व आयु से जुड़े ’फ्लोटिंग’ मतदाता तय करेंगे कि सत्ता की चाबी किसके पास होगी।
आयोग के आंकड़े और राजनीतिक दलों के सामाजिक समीकरण में भारतीय जनता पार्टी सपा एवं बसपा से तीन प्रतिशत आगे है, लेकिन बहुमत का जादुई आंकड़ा पाने के लिए 5 से 6 प्रतिशत की आवश्यकता होगी। सपा और बसपा के जातीय समीकरण के अलावा इस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका होगी। कांग्रेस की जनजागरण अभियान की सफलता बेहतर प्रत्याशियों के चयन पर निर्भर करेगी। सर्वे मेे अल्पसंख्यकों की पसन्द कांग्रेस भी दिखी, लेकिन कमजोर कांग्रेस को मुस्लिम समर्थन मिलने का संदेह है। मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन भाजपा से सीधा मुकाबला करने वाले प्रत्याशी के साथ होता है।
15th December, 2016