यूरिड मीडिया:-
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जहां सीएम अखिलेश यादव ने 17 ओबीसी जातियों को एससी जाती में शामिल कर लिया है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि सीएम अखिलेश का यह चुनावी हथकंडा है। आगे उन्होने कहा कि बसपा सरकार पहले ही केंद्र के पास इस संबंध में प्रस्ताव भेज चुकी है।
चुनाव के ठीक पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ओबीसी की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों में करके अपनी तरफ से जबरदस्त चुनावी कार्ड खेला है। लेकिन बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस घोषणा के बाद अखिलेश यादव के इस कदम को पिछड़ी जातियों के आंखों में धूल झोंकने वाला कदम बताया है। मायावती ने दावा किया है कि घोषणा के बाद इन 17 जातियों के लोगों को ना तो ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल पाएगा और ना ही अनुसूचित जातियों के कोटे का, उनके मुख्यमंत्री रहते हुए 1995 में भी ऐसी ही कोशिश की थी. नतीजा यह हुआ कि इन लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास अटक गया और उल्टा उन्हें ओबीसी श्रेणी का आरक्षण भी मिलना बंद हो गया था। मायावती ने कहा कि जब वह दोबारा मुख्यमंत्री बनी तो इन जातियों को फिर से ओबीसी श्रेणी में शामिल किया था ताकि उन्हें कम से कम ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिल सके।
मायावती ने कहा कि चुनाव के पहले किस तरह से इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का करके समाजवादी पार्टी सिर्फ इन जातियों का वोट बटोरना चाहती है. मायावती ने आरोप लगाया समाजवादी पार्टी के शासन में सिर्फ यादव जाति का भला हुआ है और बाकी सभी पिछड़ी जातियों की अनदेखी हुई है जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को चुनाव में चुकाना पड़ेगा।