नई दिल्ली: पीएम मोदी की 31 दिसंबर को दी गई स्पीच के बाद बैंकों द्वारा लेंडिग रेट्स यानी कर्ज पर ब्याज दरें घटाने का फैसला वाहन और घर खरीदने वालों के लिए नए साल के तोहफे जैसा है. सबसे पहले देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट एमसीएलआर में 0.90% की कटौती की घोषणा की. MCLR जो पहले 8.9% था वह अब एक साल के लिए 8% हो गया है. नई दरें 1 जनवरी 2017 से प्रभावी हैं. इस कटौती के बाद होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन समेत सभी तरह के लोन सस्ते हो गए हैं. लोन के और सस्ते किए जाने के भी आसार हैं. इसी के साथ आपकी ईएमआई (EMI) पर भी असर पड़ेगा.
बैंकों से गरीबों और निम्न-मध्यम वर्ग को कर्ज लेने के मामले में सहायता देने को प्राथमिकता देने के पीएम नरेंद्र मोदी के अनुरोध के बाद बैंकों ने कर्ज की दरों में कटौती की है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक होम और कार लोन की दरें तय करने के लिए एक साल का बेंचमार्क तय करते हैं. वे रीटेल लोन तय करने के लिए एमसीएलआर के ऊपर मार्जिन तय करते हैं जोकि सीधे सीधे लोन की ब्याज दरें निर्धारित करने से लिंक होता है. एसबीआई ने जो बेंचमार्क रेट तय किया है वह छह सालों में सबसे कम है.
एसबीआई के बयान के मुताबिक, उसके एक साल की अवधि वाले कर्ज की सीमान्त कोष लागत आधारित कर्ज दर (MCLR)को घटाया गया है. इसी प्रकार एक माह, तीन माह और छह माह की अवधि के कर्जों के लिए भी ब्याज दरों में कटौती की गई है. बैंक ने दो साल और तीन साल की अवधि के लिए इसे घटाकर क्रमश: 8.10% और 8.15% कर दिया है. पिछले सप्ताह SBI के सहायक बैंक स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर ने दरों में कटौती की थी. वहीं IDBI बैंक ने भी इसमें 0.60% तक की कटौती की थी.
पीएनबी और यूबीआई ने भी घटाईं दरें...
SBI के अलावा सरकारी क्षेत्र के दो अन्य बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने भी 1 जनवरी को विभिन्न परिपक्वता अवधि के कर्ज की मानक दरों में 0.90% तक की कटौती की घोषणा की है. पीएनबी ने एक वर्ष की अवधि वाले कर्ज के लिए एमसीएलआर 0.70% घटाकर 8.45% कर दिया है. इसी प्रकार तीन वर्ष की अवधि के लिए यह 8.60% और पांच वर्ष की अवधि के लिए 8.75% किया गया है. यूबीआई ने एमसीएलआर में 0.65% से 0.90% कटौती करते हुए एक वर्ष की अवधि के लिए इसे 8.65% कर दिया है.
क्या कहना है जानकारों का...
विशेषज्ञों की राय है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) मुद्रास्फीति में गिरावट को देखते हुए जल्द ही रेट कट का ऐलान कर सकता है. यदि ऐसा कोई ऐलान होता है तो जाहिर सी बात है कि बैंक लोन पर ब्याज दरों में और ज्यादा कटौती दे सकते हैं. इस रेट की एक वजह यह भी होगी कि बैंकों के पास विमुद्रीकरण के चलते नकदी का कोई संकट हाल फिलहाल नहीं देखा जा रहा है.
वैसे आरबीआई ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि उसके पास नोटबंदी के बाद कितना डिपॉजिट आया है. पुराने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बैंक में जमा करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर थी. आरबीआई ने पिछले दिनों बताया था कि 10 दिसंबर तक बैंकों के पास 12.5 लाख करोड़ का डिपॉजिट हुआ है. बैंकों के रेट कट का आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एक ट्वीट कर स्वागत किया.
2nd January, 2017