समाजवादी पार्टी में पिछले कई दिनों से जारी घमासान जल्द खत्म होने के आसार दिखने के बाद फिर सुलह का मामला अटकता दिख रहा है. लखनऊ में मंंगलवार को बाप-बेटे की करीब पौने दो घंटे तक बंद दरवाजे के पीछे मुलाकात चली. सूत्रों के अनुसार मुलायम सिंह ने अखिलेश के सामने सुलह का फॉर्मूला रखा था. जिसके मुताबिक अखिलेश को उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनाव जीतने पर वही सीएम होंगे. हालांकि, मुलायम ने कहा कि सभी पावर तुम रख लो लेकिन अध्यक्ष मुझे रहने दो. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इस फॉर्मूले पर राजी नहीं हुए. अखिलेश ने कहा कि अगर मैंने अध्यक्ष पद छोड़ दिया तो फिर अमर सिंह कोई भी फैसला करा सकते हैं.
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने परिवार में घमासान से जुड़े मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. सोमवार को मुलायम सिंह ने अपना रुख नरम करते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी में अब कोई विवाद नहीं है और अखिलेश यादव ही पार्टी की ओर से अगले मुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी एक है और वो अखिलेश के लिए राज्यभर में प्रचार करेंगे. मुलायम की मानें तो समाजवादी पार्टी में बिखराव का सवाल ही नहीं उठता है.
चुनाव आयोग में 13 को सुनवाई
सपा में पार्टी और सिंबल पर कब्जे की लड़ाई के मामले में चुनाव आयोग 13 जनवरी को दोनों पक्षों की बात सुनेगा. इससे पहले दोनों ही पक्ष चुनाव आयोग के सामने अपने दस्तावेज पेस कर चुके हैं.
इससे पहले मुलायम सिंह यादव सोमवार को चुनाव आयोग गए और पार्टी चिह्न 'साइकिल ' पर दावा जताया. मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी सिंबल पर फैसला आयोग करेगा. हमने अपनी बात चुनाव आयोग के सामने रख दी है. इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह और शिवपाल के साथ मीटिंग कर इस मामले पर चर्चा की. मुलायम सिंह के साथ अमर सिंह भी चुनाव आयोग गए थे. 9 जनवरी को चुनाव आयोग के सामने जवाब दाखिल करने का आखिरी दिन था.
इस बीच, अखिलेश गुट ने भी चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी सिंबल पर अपना दावा पेश किया. रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही पेश कर चुकी है और आयोग से जल्द फैसले का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग साइकिल को फ्रीज कर देता है तो ऐसे हालात में वो आयोग से 'मोटरसाइकिल' को चुनाव-चिह्न के लिए मांग करेंगे.
अखिलेश को बहका रहे हैं कुछ लोग: मुलायम
इससे पहले, चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखने के बाद मुलायम सिंह मीडिया से मुखातिब हुए. मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी सिंबल पर फैसला आयोग करेगा. हम एक पत्र जारी करेंगे उसी के आधार पर उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं हैं. जो थोड़े-बहुत हैं वे जल्द ही सुलझा लिए जाएंगे. मुलायम सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा. साथ ही कहा कि बेटे से कोई मतभेद नहीं है. मुलायम सिंह ने कहा कि कुछ लोग अखिलेश को बहका रहे हैं. अखिलेश बेटा है क्या किया जा सकता है. जल्द सभी मतभेद सुलझ जाएंगे.
आयोग के सामने मुलायम गुट ने रखी ये बातें...
-पार्टी के संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष को हटाया नहीं जा सकता.
-राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने के लिए 30 दिन का नोटिस देना जरूरी है जिसका पालन 1 जनवरी के अधिवेशन में नहीं किया गया.
-नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया जरूरी है ताकि सभी लोगों को इसके लिए बराबर मौका मिल सके. इसका पालन नहीं किया गया.
-रामगोपाल यादव पहले ही महासचिव पद से हटा दिए गए थे. वह कोई प्रस्ताव नहीं ला सकते. उन्हें ट्विटर के जरिए पार्टी में फिर से शामिल किया गया जो कि वैध नहीं है.
-मुलायम सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कोई प्रस्ताव पास नहीं किया गया तो नए अध्यक्ष के चुनाव का सवाल ही कहां उठता है.
EC से जल्द फैसले की अपील
इस बीच, अखिलेश खेमा भी चुनाव आयोग पहुंचा है. मुलायम के बाद अखिलेश गुट की ओर से नरेश अग्रवाल और रामगोपाल यादव चुनाव आयोग पहुंचे. अखिलेश खेमे के नीरज शेखर, अक्षय यादव, सुरेंद्र नागर, अभिषेक मिश्रा, नीरज शेखर, किरनमय नंदा भी चुनाव आयोग गए थे. आयोग से मुलाकात के बाद रामगोपाल यादव ने कहा कि हमनें अपनी बात आयोग के सामने रख दी है. आयोग से जल्द फैसला लेने का आग्रह किया है.
10th January, 2017