यूरिड मीडिया न्यूज। , लखनऊ रू सहालगों को दौर फिर शुरू हो चुका है। सोमवार को पहली बड़ी सहालग है। शादी वाले घरों में तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन बैंक से पैसे कैसे निकलें यह सवाल बना हुआ है। दिसंबर तक शादी के लिए सशर्त ढाई लाख रुपये निकालने की छूट थी, लेकिन अब वह भी नहीं है। बयाना-बट्टा तो जैसे-तैसे निपटा दिया। मगर बड़े खर्चो के लिए लोगों की आस फिर बैंकों पर आकर टिक गई। शादी की जरूरतों को पूरा करने में बैंक किस हद तक सहयोग देंगे, इस बात को लेकर लोगों में संशय बरकरार है। 1आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले और नकदी निकासी की सीमा तय करने के बाद शादी की तैयारी में जुटे लोग परेशान हो गए। बाद में आरबीआइ ने लोगों को राहत देने के लिए कड़ी शर्तो के साथ बैंक से ढाई लाख रुपये निकालने की छूट दी। कुछ हद तक लोगों को राहत भी मिली। अब जब फिर सहालग का दौर लौटा तो निकासी की 24,000 की सीमा से लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही खत्म हो सकती है
राज्य ब्यूरो, लखनऊरू पूर्व की भांति इस बार भी चुनाव घोषणापत्र न जारी करने का एलान कर चुकी बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि बसपा की सरकार बनने पर मोबाइल-लैपटॉप न देकर सीधे आर्थिक मदद दी जाएगी। उन्होंने दोहराया कि सपा सरकार के बड़े आर्थिक फैसलों और भर्तियों की जांच भी बसपा सरकार कराएगी। 1रविवार को जन्मदिन के अवसर पर पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब मायावती ने केंद्र व राज्य सरकार के वादों को हवा-हवाई और तमाम योजनाओं की आलोचना करते हुए कहा कि बसपा सरकार बनने पर बेरोजगारों को भत्ता नहीं बल्कि स्थायी रोजगार देंगे। मोबाइल-लैपटॉप भी न बांटकर सीधे आर्थिक मदद दी जाएगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि सपा सरकार द्वारा बंद की जा चुकी पूर्व की बसपा सरकार की पुरानी योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। मौजूदा सरकार के जिलों व योजनाओं के नाम बदलने के फैसले को फिर पलट दिया जाएगा। गन्ना किसानों के बकाए का तत्काल भुगतान सुनिश्चित करने के साथ ही गन्ने का उचित दाम दिलाया जाएगा। 1गौरतलब है कि कहने में नहीं बल्कि करने में विश्वास करने का दावा करने वाली बसपा प्रमुख मायावती अन्य पार्टियों की तरह चुनावी घोषणापत्र न जारी कर बसपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रदेशवासियों के नाम अपील जारी करती रही हैं।
16th January, 2017