यूरिड मीडिया न्यूज। लखनऊ । डीएम साहब मेरी जान को खतरा है। इसी के चलते मैंने शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। अगर शस्त्र लाइसेंस जमा करना पड़ा तो फिर खतरा बढ़ सकता है।1’ मेरा सोने-चांदी का कारोबार है। आए दिन बढ़ रही लूटपाट की घटनाओं के कारण शस्त्र लाइसेंस लिया था, लेकिन अब प्रशासन का असलहा जमा कराने का आदेश आया है। 1’ मेरा पेट्रोल पंप है। रोजाना कैश का ट्रांजैक्शन होता है। लिहाजा शस्त्र रखना जरूरी है। इसके लिए निवेदन है कि मुङो शस्त्र लाइसेंस रखने की छूट प्रदान की जाए। 1 बैलेट से पहले बुलेट को बचाने की मुहिम। जी हां, राजधानी के करीब 56 हजार असलहाधारियों में शस्त्र जमा करने के फरमान से हड़कंप मचा है। शस्त्रधारकों को असलहा न जमा करना पड़े, इसकी खातिर तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कलेक्ट्रेट में इन दिनों ऐसे लोगों की भरमार है जो किसी कीमत पर अपने असलहे बचाने के लिए अफसरों के आगे परिक्रमा कर रहे हैं। 1प्रशासन ने इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस अवधि में अगर असलहा नहीं जमा कराया तो फिर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है। जाहिर है कि प्रशासन के इस फरमान से बाहुबलियों से लेकर सफेदपोश और रसूखदार बचने की जुगत लगा रहे हैं। शस्त्र जमा करने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है जो ऐसे लोगों को चिन्हित करेगी जिनको वाकई असलहा रखने की जरूरत है। शस्त्र नहीं जमा करने के जितने भी आवेदन आ रहे हैं उनकी यह कमेटी स्क्रीनिंग करेगी और उसकी हरी झंडी मिलेगी तभी शस्त्र रखने की परमीशन मिलेगी। आयोग के फरमान के बाद शस्त्र न जमा करने के लिए प्रशासन के पास करीब पांच सौ से अधिक आवेदन आए हैं। इनमें सबसे अधिक सुरक्षा एजेंसियों, ज्वैलर्स और पेट्रोल पंप से जुड़े संचालकों के हैं।जासं, लखनऊ रू ’ डीएम साहब मेरी जान को खतरा है। इसी के चलते मैंने शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। अगर शस्त्र लाइसेंस जमा करना पड़ा तो फिर खतरा बढ़ सकता है।1’ मेरा सोने-चांदी का कारोबार है। आए दिन बढ़ रही लूटपाट की घटनाओं के कारण शस्त्र लाइसेंस लिया था, लेकिन अब प्रशासन का असलहा जमा कराने का आदेश आया है। 1’ मेरा पेट्रोल पंप है। रोजाना कैश का ट्रांजैक्शन होता है। लिहाजा शस्त्र रखना जरूरी है। इसके लिए निवेदन है कि मुङो शस्त्र लाइसेंस रखने की छूट प्रदान की जाए। 1 बैलेट से पहले बुलेट को बचाने की मुहिम। जी हां, राजधानी के करीब 56 हजार असलहाधारियों में शस्त्र जमा करने के फरमान से हड़कंप मचा है। शस्त्रधारकों को असलहा न जमा करना पड़े, इसकी खातिर तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। कलेक्ट्रेट में इन दिनों ऐसे लोगों की भरमार है जो किसी कीमत पर अपने असलहे बचाने के लिए अफसरों के आगे परिक्रमा कर रहे हैं। 1प्रशासन ने इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस अवधि में अगर असलहा नहीं जमा कराया तो फिर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है। जाहिर है कि प्रशासन के इस फरमान से बाहुबलियों से लेकर सफेदपोश और रसूखदार बचने की जुगत लगा रहे हैं। शस्त्र जमा करने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है जो ऐसे लोगों को चिन्हित करेगी जिनको वाकई असलहा रखने की जरूरत है। शस्त्र नहीं जमा करने के जितने भी आवेदन आ रहे हैं उनकी यह कमेटी स्क्रीनिंग करेगी और उसकी हरी झंडी मिलेगी तभी शस्त्र रखने की परमीशन मिलेगी। आयोग के फरमान के बाद शस्त्र न जमा करने के लिए प्रशासन के पास करीब पांच सौ से अधिक आवेदन आए हैं। इनमें सबसे अधिक सुरक्षा एजेंसियों, ज्वैलर्स और पेट्रोल पंप से जुड़े संचालकों के हैं।
17th January, 2017