तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर हो रहे विरोध पर अब सियासत तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जल्लीकट्टू के बहाने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी सामान आचार संहिता पर सवाल उठाए हैं. औवेसी ने कहा कि जल्लीकट्टू पर हो रहा विरोध यह दिखाता है कि देश पर सामान आचार संहिता थोपी नहीं जा सकती है.
ओवैसी ने जलीकट्टू पर हो रहे प्रदर्शनों को हिंदुत्ववादी ताकतों के लिए सबक बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को इस देश पर थोपा नहीं जा सकता क्योंकि यहां सिर्फ एक संस्कृति नहीं है और पूरा देश एक त्योहार नहीं मना सकता है।
असदुद्दीन के बयान पर बीजेपी नेता नलिन कोहली का कहना है कि जल्लीकट्टू और यूनिफॉर्म सिविल कोड को साथ नहीं देख सकते हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड इंसानों के अधिकारों की बात है, तो क्या आप उसे जानवरों के साथ जोड़ने वाले हैं. मुझे समझ नहीं आ रहा है औवेसी ने जल्लीकट्टू को यूनिफॉर्म सिविल कोड से जबरदस्ती कैसे जोड़ा? जल्लीकट्टू का इससे कोई लेना-देना नहीं है. औवेसी धर्म आधारित राजनीति करते हैं.
वहीं, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर रोक के खिलाफ विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. आज तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में इसको लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. चेन्नई के बाद कोयंबटूर में भी स्थानीय लोग जल्लीकट्टू के आयोजन की मांग कर रहे हैं. यहां भी स्थानीय लोगों ने जल्लीकट्टू के आयोजन की मांग के लिए प्रदर्शन किया. जल्लीकट्टू को लेकर डीएमके के कई नेता अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर डीएमके के कार्यकर्ताओं ने रेल रोकने की भी कोशिश की.
20th January, 2017