नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की जंग में जाने के लिए अखिलेश यादव का "इलेक्शन वॉर रूम" तैयार है. इस वॉर रूम में बॉलीवुड के हिट गीतकार से लेकर हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से निकले मैनेजमेंट एक्सपर्ट तक शामिल हैं. 'काम बोलता है' कैंपेन इस वार रूम ने अखिलेश के चुनाव के लिए बनाया है. इसके गीतकार हैं बॉलीवुड के मनोज यादव. मनोज यूं तो आजमगढ़ के रहने वाले हैं लेकिन मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं. मनोज ने "वर्ल्ड कप 2011 का ऐंथम “दे घुमा के” लिखा था और आईपीएल सीजन-1 का भी. मनोज 'पीकू' 'निल बटा सन्नाटा' जैसी फिल्मों के गाने लिखे हैं.
वॉर रूम के एक कमरे में पूरी दीवार एलईडी टीवी से भरी हुई है. देश के सभी बड़े न्यूज चैनल कि खबरें पल-पल मॉनीटर हो रही हैं. वॉर रूम के इंचार्ज आशीष यादव कहते हैं, "इससे हमें पता चलता है कि चुनाव में किस तरह कि खबरें आ रही हैं. समाजवादी पार्टी के बारे में अगर कोई गलत खबर चल रही है तो हम उसे ठीक करने का अनुरोध करते हैं. खबरों को देख के हम अपनी रणनीति भी प्लान करते हैं." आशीष बुंदेलखंड में झांसी के रहने वाले हैं जो मीडिया कम्युनिकेशन के एक्सपर्ट हैं. आशीष 2009 में बीबीसी के भारत के आम चुनाव के कैंपेन मैनेजर थे.
वॉर रूम के 4 हिस्से हैं. पहला हिस्सा डिजिटल मॉनीटरिंग का है जिसमें खबरें मॉनीटर करने से लेकर हजारों फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप संदेश मॉनीटर किए जाते हैं. इसे ये पता करते हैं कि अलग आयु समूह के लोगों का किस पार्टी की तरफ क्या रुझान है. कोई पार्टी ध्रुवीकरण के लिए सोशल मीडिया कैंपेन तो नहीं चला रही है. लोग किस नेता को पसंद या नापसंद कर रहे हैं. इसके हेड अहमद अफ्तार हैं. ये हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़कर आए हैं और देश के बड़े स्वतंत्रे मीडिया कंसलटेंट हैं. इसके पहले ये डेल, कोलकाता नाइट राइडर्स, एशियन पेंट्स जैसी कई कंपनियों के लिए काम कर चुके हैं.
वॉर रूम का दूसरे हिस्से में रिसर्चर तैनात हैं. ये लोग चुनाव से ताल्लुक रखने वाली हर तरह की रिसर्च करते हैं. राजनीतिक ट्रेंड की मॉनीटरिंग करते हैं. दूसरी पार्टियों कि खुफिया जानकारियां हासिल करते हैं. वॉर रूम के तीसरे हिस्से में चुनाव के लिए ऑडियो-वीडियो इश्तेहार बनाने का काम हो रहा है. ये लोग ही पार्टी के सभी वेबसाइट्स और ट्विटर हैंडल मैनेज करते हैं.
वॉर रूम के चौथे हिस्से में तमाम लोग कंप्यूटर के सामने बैठे फोन पर लगे हुए हैं. हमें बताया गया कि ये लोग हर रोज कुछ चुनाव क्षेत्रों में 2000 लोगों को फोन कर उनसे सरकार के कामकाज के बारे में फीडबैक लेते हैं. लोगों से पता करते हैं कि वे सरकार की योजनाओं के बारे में क्या जानते हैं. उनसे उनके इलाके की समस्याएं भी पता करते हैं. वे अपने फीडबैक को शहरी और ग्रामीण के हिसाब से तैयार कर उसकी रिपोर्ट और उस पर अपने सुझाव तैयार कर अखिलेश यादव को भेजते हैं. तो बहरहाल देशी पहलवान मुलायम सिंह यादव के टेक्नफ़्रेंडली बेटे अखिलेश का हाईटेक वॉर रूम जंग के लिए तैयार है.
22nd January, 2017