यूरिड मीडिया ग्रुप। नई दिल्ली पिछले 11 सालों में राजनीतिक दलों को मिले चंदे के आंकड़ों से फंडिंग को पारदर्शी बनाने की जरूरत को बल मिला है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेडिट रिफार्म (एडीआर) की ओर जारी आंकड़ो के अनुसार 11 सालों में राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे के 69 फीसद ही के स्रोत का पता ही नहीं है। इस दौरान राजनीतिक दल ज्ञात स्रोत से केवल 16 फीसद ही चंदा जुटा पाए थे। आयकर विभाग के नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों के 20 हजार से कम की चंदे की रकम का स्रोत बताना अनिवार्य नहीं है। मजेदार बात यह है कि बसपा एक मात्र ऐसी पार्टी है जो उसे मिले चंदे को सौ फीसद अज्ञात स्रोत से बताती रही है।
25th January, 2017