जोधपुर-- बीमारी का नाटक कर जमानत हासिल करने का प्रयास कर रहे आसाराम को आज सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा सबक सिखाया। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर आसाराम को जमानत देने से न केवल साफ इनकार किया बल्कि अपने स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह है मामला…
- आसाराम ने अपने शरीर में बारह तरह की बीमारियों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी थी।
- अपनी याचिका में आसाराम की ओर से कहा गया कि उसका इलाज केरल में अायुर्वेद पद्धती से ही संभव है। ऐसे में उन्हें वहां जाकर इलाज कराने की अनुमति प्रदान की जाए।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि आसाराम की सेहत खराब नहीं है कि उन्हें जमानत प्रदान की जाए।
- सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की ओर से अपने स्वास्थ्य से जुड़े फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
- इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ अलग से एक मामला दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही उन पर ऐसा करने के लिए एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगा दिया।
- गत वर्ष जुलाई में भी आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से अपना इलाज कराने के लिए अंतिरम जमानत देने की मांग की थी।
- इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को दिल्ली लाकर एम्स में उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराने का आदेश दिया था।
- दिल्ली स्थित एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में उन्हें किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं बताने पर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2016 में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
- उल्लेखनीय है कि लम्बे समय तक व्हील चेयर पर जेल से कोर्ट आने वाले आसाराम इन दिनों पैदल चल कोर्ट में पहुंच रहे है।
- कई बार तो वे बगैर लिफ्ट के सीढ़ियां चढ़ कोर्ट में उपस्थित हुए है।
अब तक ग्यारह बार खारिज हुई जमानत याचिका
- आसाराम आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया कि पंद्रह अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव में स्थित एक फार्म हाउस में उसका यौन उत्पीड़न किया।
- बीस अगस्त 2013 को उसने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया। जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेजा।
- जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया।
- जोधपुर पुलिस 31 अगस्त 2013 को इन्दौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से आसाराम लगातार जोधपुर जेल में ही बंद है।
- इस दौरान उनकी तरफ से उच्चतम व उच्च न्यायालय सहित जिला न्यायालय में ग्यारह बार जमानत हासिल करने के प्रयास किए गए।
- उनकी तरफ से राम जेठमलानी, सुब्रह्मण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जानेमाने विधिवेत्ता पैरवी कर चुके है।
30th January, 2017