तमिलनाडु के सीएम पद पर एआईएडीएमके महासचिव शशिकला की ताजपोशी से पहले पार्टी में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. शशिकला के लिए सीएम पद से इस्तीफा देने वाले ओ. पन्नीरसेल्वम अब बागी हो चुके हैं. चेन्नई में मंगलवार रात हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कहा कि जयललिता मुझे सीएम पद पर देखना चाहती थीं और उनसे जबरन इस्तीफा लिया गया. अपने बचाव में सामने आईं शशिकला ने कहा कि पार्टी में कोई फूट नहीं है और इसके पीछे डीएमके की साजिश है. अब सबकी निगाहें इस बात पर है कि तमिलनाडु की सियासत में आगे क्या होगा?
क्या दो फाड़ होगी AIADMK?
पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद पार्टी में विभाजन की सबसे अधिक संभावना है. हाल के दिनों में पार्टी के कई नेता शशिकला से बगावत कर सामने आए हैं. पार्टी नेता पांडियन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जयललिता की मौत के पीछे साजिश का आरोप लगाया था. सीधे तौर पर उनका निशाना शशिकला गुट पर था. इससे पहले राज्यसभा सांसद और पार्टी से निष्कासित नेता शशिकला पुष्पा भी शशिकला नटराजन के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी हैं. अब पन्नीरसेल्वम की बगावत के बाद पार्टी में टूट की आशंका बढ़ गई है.
क्या है तमिलनाडु विधानसभा में स्थिति?
AIADMK- 134
DMK- 89
CONG- 8
OTHERS- 2
TOTAL- 234
पन्नीरसेल्वम को पार्टी में विभाजन के लिए विधायकों की अच्छी-खासी तादाद चाहिए होगी. इसके अलावा उनकी भविष्ट की रणनीति क्या है ये भी देखना होगा? शशिकला ने इसे डीएमके की साजिश बताया है.
साजिश का एंगल?
जयललिता की मौत को लेकर शशिकला पर लगातार पार्टी नेताओं की ओर से संदेह जताया गया है. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं में संशय की स्थिति है. हालांकि, शशिकला ने दावा किया कि तमाम नेता और कार्यकर्ता उनके साथ हैं. दूसरी ओर पन्नीरसेल्वम का कहना है कि वे पार्टी में हैं और रहेंगे और कोई उन्हें पार्टी से निकाल नहीं सकता. इससे सीधे टकराव की संभावना है. अब देखना होगा कि पार्टी के विधायकों की लामबंदी किसकी तरफ होती है.
अम्मा के करीबी की पन्नीरसेल्वम की छवि
शशिकला भले ही जयललिता की करीबी मानी जाती थी लेकिन सियासी गलियारे में साफ तौर पर सबको मालूम है कि जब भी जयललिता कहीं संकट में फंसती को पन्नीरसेल्वम सीएम पद संभालते. जयललिता के जाले जाने या फिर अस्पताल में भर्ती होने के वक्त पन्नीरसेल्वम ने ही सीएम की कुर्सी संभाली थी और फिर बाहर आते ही जययललिता को सत्ता सौंप दी थी. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं की सहानुभूति पन्नीरसेल्वम के साथ बनी रह सकती है. दूसरी ओर शशिकला का कोर् प़लिटिकल बैकग्राउंड नहीं दिखता. जयललिता की मौत के बाद अचानक वो सामने आईं और पार्टी महासचिव बन गईं और अब सीएम पद संभालने जा रही थीं.
शशिकला की कमजोर कड़ी
सीएम पद पर ताजपोशी से पहले विवादों में आई शशिकला के लिए एक और मुश्किल है. दरअसल आय से अधिक संपत्ति केस में शशिकला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसी हफ्ते आ सकता है. डीएमके इसको आधार बनाकर शशिकला के शपथ ग्रहण का विरोध लगातार कर रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. इस मामले को लेकर भी शशिकला के खिलाफ पन्नीरसेल्वम को पार्टी में समर्थन बढ़ सकता है.
8th February, 2017