शिवसेना के मुखपत्र सामना में मंगलवार को प्रकाशित एक लेख से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को और उनके 'रेनकोट' वाले बयान को निशाना बनाया गया है. सामना ने उस लेख को अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया है. लेख में कहा गया है कि, 'बाथरूम छाप राजनीति बंद हो'.
इसके अलावा लेख में प्रधानमंत्री को यह भी कहा गया है कि वे विरोधीयों की कुंडलियां निकालने की धमकी देना बंद करें. एक-दूसरों पर कीचड़ फेंकने की बजाए अपने पदों की गरिमा बनाए रखें.
लेख की मुख्य बातें
-- उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार काफी निचले स्तर पर चला गया है. एक-दूसरे पर कीचड़ फेंकने में देश के प्रधानमंत्री से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं.
-- अपने पदों की गरिमा बनाए रखें.
-- प्रधानमंत्री का यह बयान कि सभी विरोधियों की कुंडलियां उनके हाथों में हैं. यह एक चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि एक तरह की धमकी देने जैसी बात है. क्योंकि बीजेपी आज सत्ता में है.
-- कुंडलियां निकालकर आप एक तरह से सत्ता का गलत इस्तेमाल कर ही रहे हो ना? जनता ने आपको पार्टियों की कुडलियां निकालने के लिए सत्ता नहीं दी.
-- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी बीच-बीच में विरोधियों की कुंडली निकालने की धमकी देते रहे हैं. कल जब सत्ता से नीचे उतरोगे तब नए सत्ताधारियों के हाथों में आपकी कु़ंडलियां होंगी.
-- प्रधानमंत्री का कहना है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए शाम के वक्त बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. सवाल यह है कि बीजेपी के करीब 70 सांसद जो उत्तर प्रदेश में हैं, वो क्या कर रहे हैं. क्या वो भी शाम को अपने-अपने घरों के दरवाजे बंद कर बैठ जाते हैं. उन्हें वहां की महिलाओं की रक्षा के लिए बाहर निकलना होगा.
-- बाथरूम में झुककर देखना किसी (दुसरों के) किसी को भी शोभा नहीं देता. यह टाला जाना चाहिए.
13th February, 2017