केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार पर भ्रष्टाचार के एक मामले में अभियोजन (केस चलाने) के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी है। वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई जांच का सामना कर रहे राजेंद्र कुमार की वीआरएस की अर्जी को भी गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया है।
वर्ष 1989 बैच के यूटी कैडर के आईएएस अधिकारी राजेंद्र कुमार, केजरीवाल के कार्यालय के उपसचिव तरुण शर्मा, कुमार के करीबी सहयोगी अशोक कुमार और एक निजी फर्म के मालिकों संदीप कुमार तथा दिनेश कुमार गुप्ता को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था।
राजेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने 2006-2014 के दौरान दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग में तैनात रहते गलत तरीके से अपनी ही बनाई कुछ कंपनियों को ठेके दिए जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। ठेकों की कुल कीमत करीब 50 करोड़ है।
सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार और उनके सहयोगियों को 4 जुलाई को गिरफ़्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले 15 दिसम्बर 2015 को जब सीबीआई ने केजरीवाल के दफ्तर पर छापा मारा था, तभी से केजरीवाल इसको लेकर पीएम मोदी पर जमकर हमला किया था। केजरीवाल सरकार का कहना था कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली सरकार के अफसरों को जान-बूझकर निशाना बना रही है जिससे अफसर डर जाएं और दिल्ली सरकार ठप पड़ जाए।
14th February, 2017