आयकर विभाग ने गुरुवार को कहा है कि नोटबंदी के बाद तकरीबन 18 लाख बैंक अकाउंट में संदिग्ध रूप से कैश जमा हुए हैं। यह सभी जांच के घेरे में हैं। 31 मार्च तक नई कर माफी योजना आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
'ऑपरेशन क्लीम मनी' के अधीन आयकर विभाग ने 18 लाख लोगों को एसएमएस और ईमेल भेजा है। ये सभी 8 नवंबर के बाद शुरू हुई नोटबदली प्रक्रिया के बाद संदिग्ध रूप से कैश जमा करने के बाद जांच के घेरे में आए हैं। इन खाता धारकों से 15 फरवरी तक पैस जमा करने के मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया था।
सरकार के सूत्रों के मुताबिक, जिसने भी इन मैसेज और ईमेल के जवाब नहीं दिए हैं, उनके पास इस कैश को जमा करने के मामले में अच्छा कानूनी स्पष्टीकरण होना जरूरी है। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दिखाना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार, 18 लाख खाता धारकों में तकरीबन 9 लाख संदिग्ध रूप में शामिल हैं। वहीं, 5.27 लाख लोगों ने 12 फरवरी तक जवाब दे दिया है। इनमें से 99.5 फीसदी लोगों ने नोटबंदी के बाद जमा किए गए धन को बताया है।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बनाई है
आयकर विभाग का कहना है कि महज इनकम टैक्स रिटर्न दिखाने से ही उन्हें राहत नहीं मिलेगी। यदि वह गैरजरूरी रूप से 2016-17 में पैसे जुटाए हैं तो वह कालेधन के अनुरूप आएगा और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई होगी।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना बनाई है जो कि 31 मार्च तक चलेगी। जिनके बास बेहिसाब नकदी है उन्हें एक आखिरी मौका है कि वह उसका 50 फीसदी टैक्स, पेनाल्टी और सरचार्ज के रूप में जमा कर सकते हैं।
16th February, 2017