मतदाता जागरुकता के लिए चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद लखनऊ मध्य सीट से ‘वोटर संख्या 141’ इस बार भी अपना वोट नहीं डाल पाएंगे. यह वोटर और कोई नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी हैं.
लखनऊ से लगातार पांच बार सांसद रह चुके 92 साल के वाजपेयी धीरे-धीरे नवाबों के इस शहर का पर्याय बन गए. हालांकि लखनऊ मध्य सीट से मतदाता संख्या 141 वाजपेयी इस बार भी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे. लखनऊ में आगामी रविवार को मतदान होना है.
इस बार भी वोट नहीं डाल पाएंगे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी
मतदाता जागरुकता के लिए चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद लखनऊ मध्य सीट से ‘वोटर संख्या 141’ इस बार भी अपना वोट नहीं डाल पाएंगे.
वाजपेयी के करीबी सहयोगी शिव कुमार ने शुक्रवार को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इस बार भी विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे. वाजपेयी ने आखिरी बार साल 2004 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला था. उसके बाद वह साल 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव और साल 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में स्वास्थ्य कारणों से वोट नहीं डाल सके.
साल 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में लखनऊ से सांसद चुने गए वाजपेयी जिस मतदान बूथ पर आधिकारिक मतदाता हैं, वह लखनऊ नगर निगम के कार्यालय परिसर में स्थित है.
बीजेपी के प्रांतीय प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अटल जी भले ही बीजेपी प्रत्याशी को वोट ना दे सकें, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहेगा. हम उनकी दुआ के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे और उत्तर प्रदेश जीतेंगे.
25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी साल 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के दौरान राजनीति में आए थे. वह संयुक्त राष्ट्र सभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री भी थे. वाजपेयी एकमात्र ऐसे गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री रहे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया.
17th February, 2017