बीएमसी के चुनावी नतीजों ने महाराष्ट्र की सरकार को खतरे में डाल दिया है. खबर है कि कांग्रेस बीएमसी में शिवसेना का समर्थन करने के मूड में है लेकिन उसने शिवसेना से महाराष्ट्र की सरकार से बाहर होने की शर्त रखी है. इस फॉर्मूले के साथ कांग्रेस महाराष्ट्र की सरकार गिराना चाहती है.
मुंबई में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई है. कहा जा रहा है कि इस बैठक में फड़णवीस सरकार को गिराने का प्रस्ताव रखा गया है. बैठक में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनाने का प्रस्ताव भी पेश हुआ. इस प्रस्ताव को अशोक चव्हाण, संजय निरुपम और नारायण राणे ने समर्थन किया.
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 122 विधायक हैं. तो वहीं शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42, एनसीपी के 41 और 20 अन्य विधायक हैं. फिलहाल, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन सरकार है और देवेंद्र फड़णवीस इसके मुखिया हैं. अगर यहां शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आते हैं तो फडणीस सरकार अल्पमत में आ जाएगी और सरकार अस्थिर हो जाएगी.
बीएमसी में भी बीजेपी को कमजोर करेगी कांग्रेस!
कहा जा रहा है कि बीएमसी में शिवसेना का मेयर बनाने के लिए कांग्रेस के कुछ पार्षद सीक्रेट वोटिंग करेंगे. इस दौरान वो गैर मौजूद भी रह सकते हैं. वहीं, बीएमसी पर कब्जे की लड़ाई में शिवसेना और बीजेपी निर्दलीय पार्षदों को अपने साथ मिलाने में जुटी हैं. दावा है कि बीजेपी के साथ 86 तो शिवसेना के साथ 87 पार्षद हो गए हैं.
227 सदस्यीय निगम में बहुमत के लिए 114 का जादुई आंकड़ा छूना होगा. अगर शिवसेना को कांग्रेस का समर्थन मिलता है तो उसका पलड़ा भारी हो जाएगा. दरअसल, बीएमसी का जो मेयर पद का चुनाव है उसमें कांग्रेस के 31 वोट हैं जोकि सबसे महत्वपूर्ण हैं. वहीं एनसीपी को 9 सीटें हैं. 21 अन्य के खाते में गई हैं.
3 निर्दलीय पार्षदों के शिवसेना में शामिल होने से महापौर के लिए आवश्यक 114 के आंकड़े तक पहुंचने के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रयासों को बल मिला है, लेकिन बहुमत का आंकड़ा अब भी दूर की कौड़ी नजर आ रही है, लेकिन कांग्रेस अगर शिवसेना को समर्थन देती है तो वह मजबूत हो जाएगी.
25th February, 2017