यूरिड मीडिया :भारत में ऐसे कई धन कुबेर बने मंदिर हैं, जहां सालभर आने वाला दान करोड़ों-अरबों में होता है। किसी भी व्यक्ति के जेहन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर भारत के ये धन-संपदा से परिपूर्ण मंदिर दान किए गए धन का कहां उपयोग करते हैं?
पिछले साल जब महाराष्ट्र में किसान गरीबी और लाचारी से आत्महत्या कर चुके थे, तब उनके बच्चों की मदद के लिए सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट आगे आया और हर संभव सहायता की। ट्रस्ट ने बच्चों की शिक्षा का बीड़ा उठाने की पहल की।
शिरडी स्थित साईं बाबा का मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। शिरडी साईं बाबा संस्थान अस्पताल, शिक्षा, और अन्य सामाजिक कार्यों में अपनी आय का 50 फीसद तक खर्च करता है।
ठीक इसी तरह केरल के पद्मनाभ मंदिर, आंध्रप्रदेश स्थित तिरुपति बालाजी, माता वैष्णो देवी, गुरुवायूर स्थित श्री कृष्ण मंदिर और सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर भी अपने स्तर पर धर्मार्थ कार्यों में आमदनी का एक हिस्सा खर्च करते हैं।
इन सभी मंदिरों के पास जमा अकूत सोने का भंडार है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार देश के मंदिरों में करीब 3 हजार टन सोना पड़ा है।
22nd April, 2017