युरिड मीडिया डेस्क
-आखिर कोर्ट में क्या बहस हुई, जिससे जज को गायत्री प्रजापति को जमानत देनी पड़ी। बता दें कि महिला ने सपा नेता गायत्री पर गैंगरेप और नाबालिग बेटी से रेप की कोशिश का आरोप लगाया था। आगे पढ़िए अभियुक्त पक्ष के वकील, अभियोजन अधिकारी और जज के बीच क्या हुई बहस...
समय : दोपहर 12 बजे
जज-ओम प्रकाश मिश्रा
अभियुक्त पक्ष के वकील: सुनील सिंह
वादी की तरफ से सहायक अभियोजन अधिकारी: पुष्पेंद्र सिंह
जांच अधिकारी:सीओ हजरतगंज अवनीश मिश्र
अभियुक्त पक्ष के वकील सुनील सिंह
हमारे मुल्जिम के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं उसमें कोई भी आधार नहीं है। महिला ने घटना की कोई भी डेट नहीं लिखी है। वहीं, बेटी ने जो बयान दिया है कि मेरे साथ कोई भी घटना नहीं हुई, लेकिन बेटी की मां महिला का कहना है कि मेरी बेटी के साथ जब घटना हुई तब मैं वहां मौजूद थी। ऐसे में दोनों के बयानों में विरोध है और दोनों अलग-अलग बयान दे रहे हैं।
सहायक अभियोजन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह
जज साहब, अभी जांच चल रही है, इसलिए अभी ये नहीं कहा जा सकता कि बयान महिला और उसकी बेटी का अलग-अलग है।
जज: कोर्ट में दर्ज बयान तो यही हैं, जो आरोपी पक्ष के वकील बोल रहे हैं। आपके पास क्या सबूत हैं?
जांच अधिकारी सीओ हजरतगंज: मी लॉर्ड, बेल की डेट आगे बढ़ा दी जाए।
आरोपी पक्ष के वकील सुनील:मी लॉर्ड, इन सभी के पास कोई भी ठोस आधार नहीं है कि हमारी दलील गलत है। ये निर्दोष को जेल में रखने के लिए बेल पर फिर से डेट बढ़वाना चाहते हैं, जोकि शायद सही नहीं है।
अभियोजन अधिकारी : नेक्स्ट डेट पर हम सबूत पेश करेंगे।
जज:इतने दिनों से जांच अधिकारी और अभियोजन अधिकारी क्या कर रहे हैं, अगर कोई सबूत है तो कोर्ट में क्यों नहीं पेश किया गया? इस दलील पर बार-बार डेट नहीं बढ़ाई जा सकती है और किसी निर्दोष को जेल में नहीं रखा जा सकता है।
आरोपी पक्ष के वकील सुनील:मी लॉर्ड, हमारे मुल्जिम को परेशान किया जा रहा है। बिना किसी साक्ष्य के उसे गैंगरेप के मुकदमे में फंसाया गया, जोकि गलत है। इतने दिन हो गए, लेकिन अभी तक कोई सबूत आपके सामने पेश नहीं किया जा सका।
40 मिनट हुई बहस समाप्त
26th April, 2017