राणे का भाजपा में जाने की अटकलों से राजनीति में मची हलचल
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मुंबई. शिवसेना से कांग्रेस में आकर अपनी अलग पहचान बनाने वाले नारायण राणे की वजह से इन दिनों महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है. यह अटकलें तेज हैं कि राणे पाला बदलने वाले हैं और भाजपा से उनकी नजदीकियां बढ़ रही हैं. इससे कांग्रेस आलाकमान भी परेशान है. सूत्रों का कहना है कि आलाकमान ने राणे को बुलाया है और उनसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है.
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भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का अभियान है. इसके तहत ही महाराष्ट्र में भी यह कोशिश हो रही है कि दिग्गज कांग्रेसी नेताओँ को भाजपा में शामिल कर लिया जाए ताकि 2019 में होने वाले चुनावों में भाजपा को कोई प्रतिद्वंद्वी न मिल सके. महाराष्ट्र में भाजपा को अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना से ही ज्यादा खतरा है जो अपने दम पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रही है. इससे भाजपा भी सावधान है और अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है.
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भाजपा में जाने के सवाल पर राणे खुलकर बात नहीं कर रहे हैं जिससे अटकलों का बाजार गर्म है. अटकलों के बीच वह एक बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और आलाकमान तक अपनी नाराजगी पहुंचा चुके हैं. इसके बाद उनके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुपचुप मुलाकात की भी खबरें सामने आई है. लेकिन राणे अपने अंदाज में गोलमोल जवाब देकर अटकलों के बाजार को गर्म रखे हुए हैं. इस बीच खबर यह भी उड़ी कि वह शिवसेना में फिर से लौटना चाहते हैं. लेकिन राणे के पुत्र नीतेश राणे ने इसे अफवाह बताया. उधर शिवसेना के नेता सुभाष देसाई ने स्पष्ट कर दिया है कि राणे परिवार के लिए शिवसेना में कोई जगह नहीं है.
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सूत्रों का कहना है कि राणे को कांग्रेस की हालत से अपना भविष्य भी दिख रहा है. इसलिए वह भाजपा में अपना राजनीतिक जीवन देख रहे हैं. उधर भाजपा को भी राणे से कोंकण में अपनी स्थिति मजबूत करने में आसानी होगी. कोंकण पर राणे का दबदबा है. लेकिन पिछले चुनावों में शिवसेना ने उनकी ताकत को कम किया था. भाजपा की स्थिति कोंकण में बेहतर नहीं है. अगर राणे भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो कोंकण में शिवसेना को टक्कर देना भाजपा के लिए आसान हो जाएगा.
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सूत्रों के मुताबिक राणे को भाजपा में लाने के लिए शिवसेना का भी मन टटोला जा रहा है ताकि राणे की वजह से शिवसेना गठबंधन के नाम पर महाराष्ट्र में सरकार चलाने में परेशानी पैदा न करे. वैसे, शिवसेना नेता सुभाष देसाई ने कोल्हापुर में पत्रकारों से बात करते हुए खुलासा किया है कि राणे के भाजपा में जाने से महाराष्ट्र सरकार को परेशानी नहीं होगी.
भाजपा में जाने के सवाल पर राणे खुलकर बात नहीं कर रहे हैं जिससे अटकलों का बाजार गर्म है. अटकलों के बीच वह एक बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और आलाकमान तक अपनी नाराजगी पहुंचा चुके हैं. इसके बाद उनके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुपचुप मुलाकात की भी खबरें सामने आई है. लेकिन राणे अपने अंदाज में गोलमोल जवाब देकर अटकलों के बाजार को गर्म रखे हुए हैं. इस बीच खबर यह भी उड़ी कि वह शिवसेना में फिर से लौटना चाहते हैं. लेकिन राणे के पुत्र नीतेश राणे ने इसे अफवाह बताया. उधर शिवसेना के नेता सुभाष देसाई ने स्पष्ट कर दिया है कि राणे परिवार के लिए शिवसेना में कोई जगह नहीं है.
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