यूरिड मीडिया डेस्क । उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) की पिछली सरकार ने जिस लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था, वहीं एक्सप्रेस वे अब सवालों के घेरे में है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि पिछली सरकार ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया था और इसकी शुरुआत लूट की नीयत से की गई थी। तकनीकी समिति इस मामले की पूरी जांच कर रही है और जल्द ही कई अहम बातें सामने आएंगी, जिसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने राज्य के कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की और इस बात का भरोसा जताया कि प्रदेश में 100 दिनों के भीतर हर क्षेत्र में बदलाव देखने को मिलेगा। केशव ने कहा, लोक निर्माण विभाग के ठेकों में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत नहीं होने दी जाएगी। यदि किसी तरह की साठगांठ की बात सामने आई, तो संबंधित कम्पनी को काली सूची में डालने का काम किया जाएगा। अभी तक की जांच में दो कंपनियों -छात्र शक्ति एवं मेसर्स राजा इंफ्रास्ट्रक्चर गाजियाबाद- को काली सूची में डाला जा चुका है। उन्होंने कहा, लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के बाद कई बातें सामने आई हैं। इनमें कुछ अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत का खुलासा भी हुआ है। इसके आधार पर कुछ कम्पनियों को काली सूची में डालने का भी काम किया गया है। आगे भी यदि इस तरह की शिकायतें मिलेंगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। केशव ने कहा, उत्तर प्रदेश की 58 सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) में शामिल करने के लिए एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) राज्य सरकार ने दे दी है। जल्द ही इन सड़कों को एनएच में शामिल कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 13 अन्य सड़कों को एनएच में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश की पिछली सरकारों ने सड़कों का हाल काफी बुरा कर रखा है। जल्द ही इन सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। 25 जून तक उत्तर प्रदेश की 86 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएंगी।
12th May, 2017