यूरिड मीडिया डेस्क
-नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का रास्ता साफ कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल दोनों ही इस कंपनी में बतौर डायरेक्टर हैं. अब यंग इंडिया इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है.
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मामले में धोखाधड़ी करने का आरोपी माना था. इस मामले में इन पर आरोप था कि यंग इंडिया ने सिर्फ 50 लाख रुपए देकर एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड का मालिकाना हक हासिल कर लिया था. जो कि कांग्रेस के पास था.दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, मैं कब से कहता आ रहा हूं कि धोखाधड़ी की गई है. वहीं इस मामले में बीजेपी नेता नलिन कोहली ने कहा, ये गांधी परिवार के लिए बड़ा झटका है. वो भले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं. लेकिन उन्हें हर सवाल का जवाब तो देना ही होगा.
वहीं कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि पार्टी ने इस मामले में कानूनी जंग लड़ने का फैसला किया है क्योंकि गांधी परिवार ने कहीं कभी कानून नहीं तोड़ा. वे सिर्फ इस कंपनी से गैरलाभार्थी के तौर पर जुड़े थे.
शोधकर्ताओं ने दिल की बीमारी (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) और बालों में धूसरपन या सफेदी की मात्रा के आधार पर प्रतिभागियों को दो समूहों में बांटा। धूसर बालों की मात्रा के आधार पर उन्होंने बालों के सफेद होने के विभिन्न चरणों के लिए अंक तय किए। इसके अनुसार पूरी तरह काले बालों के लिए 1, सफेद से अधिक काले बालों के लिए 2, काले और सफेद बालों की बराबर मात्रा के लिए 3, काले से अधिक सफेद बालों के लिए 4 और पूरी तरह सफेद बालों के लिए 5 अंक तय किए।
हरेक प्रतिभागी का अंक दो स्वतंत्र पर्यवेक्षकों द्वारा निश्चित किया गया। उनके तनाव, मधुमेह, रक्तचाप, धूम्रपान और दिल की बीमारी का आनुवांशिक इतिहास जैसे दिल की बीमारी के पारंपरिक कारकों के आंकड़े भी एकत्र किए गए। तमाम आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि जिन प्रतिभागियों के बाल ज्यादा सफेद हो रहे थे उनमें दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा था। उम्र और दिल की बीमारी से जुड़े कारकों का इसमें अलग से कोई प्रभाव नहीं था।
शोधकर्ता ईरीनी सैमुअल ने बताया, हमारे शोध से पता चला कि वास्तविक उम्र कम होने के बावजूद बालों में सफेदी व्यक्ति की बढ़ी हुई जैविक उम्र को बयान करती है। यह दिल की बीमारी की चेतावनी का संकेत हो सकता है।
यह अध्ययन स्पेन के मालागा में 6 से 8 अप्रैल तक यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी (ईएपीसी) की सालाना कांग्रेस ‘यूरोप्रिवेंट 2017’ में प्रस्तुत किया गया।
12th May, 2017