यूरिड मीडिया डेस्क/लखनऊ
- बेंच ने पेट्रोल पम्पों पर घटतौली के मामले में राज्य सरकार की नरम पड़ती कार्रवाई पर सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने इस मामले में मुख्य सचिव को तलब कर लिया है। साथ ही न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि यदि पेट्रोल पम्प हड़ताल की धमकी देकर सरकार को ब्लैकमेल करने की कोशिश करें तो ऐसे पेट्रोल पम्पों पर रिसीवर नियुक्त कर पेट्रोल पम्प चलवाए जाएं।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ ने डॉ. अशोक निगम व पवन बिष्ट की जनहित याचिका पर दिया। न्यायालय ने कहा कि एसटीएफ ने इस गड़बड़ी का खुलासा किया था लेकिन 2 मई को एक शासनादेश जारी करते हुए एसटीएफ के बजाय पम्पों के निरीक्षण के लिए कमेटी बनाने का आदेश दे दिया गया। जिसका गठन सम्बंधित जिलों में जिलाधिकारी करेंगे। इसमें एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट, जिला आपूर्ति अधिकारी, निरीक्षक, पुलिस इंस्पेक्टर और बाट व माप विभाग का एक वरिष्ठ निरीक्षक होगा। दागियों को जिम्मा क्यों: न्यायालय ने कहा कि बाट व माप अधिकारी और आपूर्ति अधिकारी की इस मामले में भूमिका तो पहले से ही संदिग्ध है। पम्पों में जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगाई गई, वह बिना बाट व माप विभाग की सील खोले सम्भव नहीं है और अब वे ही निरीक्षण टीम का हिस्सा होंगे। ऑयल कंपनियों पर सवाल: कोर्ट ने ऑयल कम्पनियों की कार्यशैली पर भी असंतोष जताते हुए कहा कि कंपनियों की ओर से भी नहीं बताया गया कि दोषी पम्प मालिकों के खिलाफ उन्होंने क्या किया।
मुख्य सचिव का निर्देश वाकई खेदजनक है। यह सरकार की इच्छाशक्ति की कमी को दिखाता है। मुख्य सचिव कोर्ट को बताएं कि ऐसा आदेश क्यों जारी किया। लगता है कि कोई दोषी पम्प मालिकों पर कार्रवाई से बचाना चाहता है। -हाईकोर्ट
कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि गड़बड़ी मिलने पर सम्बंधित वितरण इकाई ही मात्र सीज की जाएगी। जिसका अर्थ है कि सम्बंधित पेट्रोल पम्प मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। ऐसा आदेश देने का भला क्या औचित्य है।
मई को मुख्य सचिव को खुद पेश होकर सफाई देने को कहा
हड़ताल करें तो सख्ती से न डरेंएक ऑयल कम्पनी के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि आशंका है कि पेट्रोल पम्प मालिक हड़ताल कर सकते हैं। पहले भी वे ऐसा कर चुके हैं। लिहाजा इस मामले में थोड़ा नरम रुख अपनाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर पेट्रोल पम्प मालिक ऐसा करते हैं तो उन पर सख्ती करने से पीछे न हटें।
अदालत ने सख्त लहजे मेंकहा कि यदि पेट्रोल पम्प मालिक कार्रवाई से बचने के लिए हड़ताल कर ब्लैकमेलिंग करने की कोशिश करें तो राज्य सरकार सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दे कि ऐसा करने वाले पेट्रोल पम्पों पर रिसीवर नियुक्त कर, पम्पों को चलाया जाए।
मई को शासनादेश जारी कर एसटीएफ के बजाय जांच एसआईटी को दी थी
लखनऊ। तेल चोरी के अवैध धंधे का खुलासा करने वाली एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता मिल गई। एसटीएफ ने रविवार रात को महाराष्ट्र के ठाणो और पुणो में चिप बनाने वाले दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें ठाणो से इंजीनियर विवेक हरिश्चन्द्र और पुणो से डिप्लोमाधारक अविनाश मनोहर नाइक शामिल है।
23rd May, 2017