बीजेपी राज में भी दंगे, कानून व्यवस्था हो रही चौपट
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सहारनपुर। बड़ागांव एरिया के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को हुई हिंसा के बाद योगी सरकार एक बार फिर विपक्षी दलों के निशाने पर है। जिस कानून व्यवस्था की बदतर तस्वीर दिखाकर बीजेपी अखिलेश सरकार को आइना दिखाती रही। आज वह खुद उसी को सुदृढ़ करने में कमजोर दिख रही है। यूपी में अपराधियों का बोलबाला खत्म नहीं हो रहा। मथुरा में डबल मर्डर केस और फिर सहारनपुर हिंसा ने योगी सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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क्या किया योगी सरकार ने...
हालांकि योगी सरकार ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए जिले के कलेक्टर एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दूबे को सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने डीजीपी को भी फटकार लगाई। लेकिन क्या इतने मात्र से बीजेपी इस दाग को अपने दामन से धुल पाएगी। ऐसे दंगे और तनाव यूपी में अब भी बरकरार हैं। बुधवार को भी यहां एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब तक इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 10 जगह हिंसा हुई है। दलितों के 60 मकान जला दिए गए हैं।
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इससे पहले मायावती हुईं थी दुखी...
बीएसपी सुप्रीमो मायावती मंगलवार को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव पहुंची जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान मायावती ने दलितों के घर जले देखे तो बहुत दुख जताया। घटना पर दुख जताते हुए मायावती ने भाजपा को आड़े हाथों लिया। मायावती ने सीधे-सीधे बीजेपी को हमले का जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी कब तक नफरत के बीज बोती रहेगी। मायावती ने कहा कि सहारनपुर में बवाल बीजेपी ने ही कराया है।
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मायावती ने किया मदद का ऐलान...
प्रशासन पर गुस्सा जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, 'प्रशासन ने सरकार के इशारे पर पक्षपात किया।' मायावती ने कहा कि प्रशासन मुकदमे वापस लेकर दोनों पक्षों के हाथ मिलवाए। मायावती ने आखिर में कहा कि भाजपा नफरत फैलाना बंद करें। मायावती ने दंगे में घायल परिवारों की मदद का ऐलान करते हुए कहा कि पार्टी फंड के पैसे से जिनके घर जले उनको 50 हजार रुपए और जिनका कम नुकसान हुआ है उनको 25 हजार रुपए दिए जाएंगे।
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सीएम ने दिए थे निर्देश...
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद गृह सचिव मणिप्रसाद मिश्रा, एडीजी (कानून-व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आईजी (एसटीएफ) अमिताभ यश, डीआईजी विजय भूषण सहित आलाधिकारी सहारनपुर पहुंच गए हैं।
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क्या हुआ था सहारनपुर में?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान डीजे बजाने से रोकने पर दलितों और ठाकुरों में संघर्ष हो गया था। इसमें ठाकुर जाति के एक युवक की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद हिंसा हुई और दलितों के 60 से ज्यादा मकान जला दिए गए थे और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद दलितों की भीम आर्मी की तरफ से इस घटना का विरोध किया गया था। शब्बीरपुर के विक्टिम्स को इंसाफ दिलाने के लिए 9 मई को सहारनपुर में दलित इकट्ठा हुए। इस दौरान पुलिस से भी उनका संघर्ष हो गया था। सहारनपुर में 9 जगह हिंसा हुई। दुकान और वाहनों में आग लगी दी गई। इसमे भीम आर्मी फाउंडर चंद्रशेखर को नामजद किया गया। 21 मई को हजारों दलितों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर विरोध जताया था।
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हालांकि योगी सरकार ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए जिले के कलेक्टर एनपी सिंह और एसएसपी सुभाष चंद्र दूबे को सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने डीजीपी को भी फटकार लगाई। लेकिन क्या इतने मात्र से बीजेपी इस दाग को अपने दामन से धुल पाएगी। ऐसे दंगे और तनाव यूपी में अब भी बरकरार हैं। बुधवार को भी यहां एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब तक इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 10 जगह हिंसा हुई है। दलितों के 60 मकान जला दिए गए हैं।
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