यूरिड मीडिया डेस्क
-जल्द पीएफ में आपका योगदान कम हो सकता है. इससे हाथ में बेशक थोड़ी अधिक सैलरी आएगी, लेकिन पीएफ जमा कर भविष्य के सपने देखने वाले नौकरी-पेशा लोगों का संकट बढ़ सकता है. ईपीएफओ, आपके प्रॉविडेंट फंड में योगदान पर शनिवार यानी 27 मई को यह अहम फैसला ले सकता है.
आपके पीएफ में योगदान फिलहाल आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी होता है और आपका इम्पलॉयर यानि कंपनी भी, इतना ही इस मद में कंट्रीब्यूट करती है. अब इसे कम करके 10 फीसदी किया जा सकता है.
10 फीसदी का यह नियम नियोक्ता पर भी लागू होगा. इसका सीधा मतलब है कि अभी तक बेसिक सैलरी का 24 फीसदी जुड़ने वाला पीएफ, अब घटकर 20 फीसदी मद में ही जमा होगा.
लेबर मिनिस्ट्री को लगातार इस बात की सलाह दी जा रही थी कि अगर पीएफ योगदान कम कर दिया जाए, तो लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसे होंगे. लोगों द्वारा अधिक खर्च करने से बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे जीडीपी ग्रोथ रेट को बढ़ावा मिलेगा.
इसके अलावा, इससे कंपनी यानी नियोक्ता की लायबिलिटी यानी देनदारी भी कम हो जाएगी, जिससे इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी. हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार लगातार इम्पलॉयर्स के दबाव में है.
- इन सबके बीच ट्रेड यूनियनों ने इस प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है. उनका कहना है कि इससे जन-कल्याणकारी योजनाओं को धक्का लगेगा.
- ईपीएफओ के ट्रस्टी और भारतीय मजदूर संघ के नेता पीजे बानासूरे ने कहा कि हम इस प्रस्ताव का विरोध करेंगे, क्योंकि यह कर्मियों के हित में नहीं है.
- ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी डी एल सचदेव ने भी कहा कि पीएफ कंट्रीब्यूशन में कमी से इम्पलॉइज के लाभ चार फीसदी कम हो जाएंगे
27th May, 2017