यूरिड मीडिया डेस्क /लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही सत्ता की हनक भी एक नेता से दूसरे नेता में चली गई है, प्रदेश में सपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जो आरोपी थे उन्हें भाजपा की सरकार में बरी करने का काम किया जा रहा है। दरअसल 14 फरवरी 2015 को बरेली के नवाबगंद में भाजपा के जिलाध्यक्ष रवींद्र सिंह राठौर के खिलाफ 33 मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन योगी सरकार आने के बाद महज दो महीनों के भीतर इन तमाम मामलों में पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट जमा कर दी है। रवींद्र पर नवाबगंद नगरपालिका में जालसाजी सहित कई मामले दर्ज थे, उके खिलाफ यह तमाम मामले सपा नेता शहला ताहिर की शिकायत पर दर्ज किए गए थे।
ताहिर ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार जानबूझकर राठौर के खिलाफ मामलों को खत्म कर रही है औऱ उन्हें इन मामलों में बचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैंने उन तमाम मामलों में जिसमें पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दर्ज की है कोर्ट में चुनौती दुंगी। उन्होंने कहा कि मैं इन तमाम मामलों में फिर से कोर्ट से जांच की मांग करुंगी। वहीं इस पूरे प्रकरण पर बरेली के स्पेशल एसपी जोगेंद्र कुमार का कहना है कि इन तमाम मामलों में सबूत का अभाव था, इसके चलते इनमें क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है।
आपको बता दें कि राठौर पर 2001 में नगरपालिका के चेयरमैन के थे, इस दौरान उनपर 33 दुकानों को फिर से गलत तरीके से आवंटित किए जाने का आरोप लगा था, शहला ने आरोप लगाया है कि इन दुकानों को गलत तरीके से फिर से आवंटित किया गया है, इन तमाम दुकानों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आवंटन दिया गया है, जिसके खिलाफ उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई थी। वहीं इस पूरे प्रकरण पर राठौर का कहना है कि यह सारे मामले राजनीतिक षड़यंत्र के तहत मेरे खिलाफ दर्ज कराए गए थे, मैंने दुकानों का आवंटन मानकों को ध्यान में रखते हुए किया था।
15th June, 2017