यूपी में बेटी के जनम को आज भी अच्छा नही माना जाता है। देश में तो इस समस्यासे काफी हद तक निजाद पा लिया गया है मगर अभी यूपी बिहार जैसी कुछ जगहो पर लड़का लड़की को बराबर का दर्जा नही दिया जाता। बल्कि यहां लोगो की कोशिश ये रहती है कि इससे पहले बेटी जन्में उसे मार ही दिया जाए। इसी समस्या को रोकने के लिए सरकार एक अच्छा कदम उठाने जा रही है। यूपी सरकार कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए ‘मुखबिर’ योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत भ्रूण लिंग की पहचान बताने वाले नर्सिंग होम व अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर शिकंजा कसा जाएगा।
इनके बारे में सूचना देने व इन्हें पकड़वाने वालों को सरकार दो लाख रुपये तक का पुरस्कार देगी। प्रदेश में घटते लिंगानुपात से सरकार काफी चिंतित है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 में स्थिति और भी भयावह है। प्रदेश में लिंगानुपात 922 से घटकर अब 903 पर आ गया है।
यानी एक हजार लड़कों पर सिर्फ 903 लड़कियां ही हैं। इसे देखते हुए योगी सरकार ‘मुखबिर’ योजना शुरू करने जा रही है। मुख्यमंत्री इस योजना का शुभारंभ 24 जून को करेंगे।
योजना के तहत तकनीक का दुरुपयोग कर भ्रूण लिंग का परीक्षण कर बेटियों को जन्म लेने से रोकने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह योजना पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत शुरू की जा रही है।
‘मुखबिर’ योजना के तहत प्रदेश के उन अल्ट्रासाउंड सेंटरों और नर्सिंगहोम को चिह्नित किया जाएगा जो गर्भवती महिलाओं में कन्या भ्रूण होने की जानकारी साझा करते हैं। इस योजना में ऐसे लोगों को पकड़वाने में एनजीओ की भी मदद ली जाएगी
22nd June, 2017