चुनाव आयोग ने खारिज की याचिका
नयी दिल्ली। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों की सदस्यता खतरे में पड़ गयी है। दोहरे लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग ने सभी विधायकों की याचिका खारिज कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि विधायकों पर केस चलता रहेगा।
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने याचिका दी थी कि जब दिल्ली हाइकोर्ट में संसदीय सचिव की नियुक्ति ही रद्द हो गयी है, तो चुनाव आयोग में केस चलने का कोई मतलब नहीं बनता। 8 सितंबर, 2016 को दिल्ली हाइकोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति रद्द कर दी थी।
चुनाव आयोग के मुताबिक, ‘आप’ विधायकों के पास संसदीय सचिव का पद 13 मार्च, 2015 से 8 सितंबर, 2016 तक था. इसलिए 20 ‘आप’ विधायकों पर केस चलेगा। केवल राजौरी गार्डेन के विधायक जरनैल सिंह पर केस नहीं चलेगा, क्योंकि वह जनवरी, 2017 में विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
अब चुनाव आयोग में अंतिम सुनवाई शुरू होगी। इस दौरान ‘आप’ के विधायकों को साबित करना होगा कि वे संसदीय सचिव के तौर पर लाभ के पद पर नहीं थे।
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि दिल्ली सरकार ने मार्च, 2015 में 21 ‘आप’ विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। प्रशांत पटेल नामक वकील ने राष्ट्रपति के पास इसकी शिकायत की और मांग की कि इन सभी 21 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जाये। राष्ट्रपति ने मामला चुनाव आयोग के पास भेज दिया।
चुनाव आयोग ने मार्च, 2016 में 21 ‘आप’ विधायकों को नोटिस भेजा। इसके बाद इस मामले पर सुनवाई शुरू हुई। केजरीवाल सरकार ने पिछली तारीख से कानून बना कर संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रपति ने उस बिल को ही लौटा दिया।
दिल्ली विधानसभा में नये रेनोवेट हुए कमरों में टेबल, कुर्सी आदि के लिए दिल्ली विधानसभा ने 13,26,300 रुपये मंजूर किये थे. दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने इस पर 11,75,828 रुपये खर्च किये।
चार संसदीय सचिवों (संजीव झा, सरिता सिंह, नरेश यादव और जरनैल सिंह) के लिए दिल्ली सचिवालय में केबिन बनाने पर 3,73,871 रुपये खर्च हुए. इसमें 2,22,500 रुपये का सिविल और इलेक्ट्रिकल काम था और 1,51,371 रुपये का फर्नीचर।
अल्का लांबा को सीपीओ बिल्डिंग में दो छोटे कमरे दिये गये, जिसकी रेनोवेशन पीडब्ल्यूडी ने करवायी और बिजली पानी के बिल ‘कला, संस्कृति और भाषा विभाग’ ने दिये।
आदर्श शास्त्री को 15,479 रुपये डिजिटल इंडिया की मुंबई में एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दिये.
कुल 9 विधायकों को दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में कमरे दिये गये। सरिता सिंह और राजेश ऋषि को दो कमरे मिले। प्रवीण कुमार, शरद चौहान, आदर्श शास्त्री, मैदान लाल, नरेश यादव, जरनैल सिंह और मनोज कुमार को एक-एक कमरा दिल्ली जल बोर्ड के दफ्तरों में मिला।
ये विधायक अलग-अलग तरह की समितियों की अध्यक्षता करते रहे या सदस्य के रूप में समितियों की बैठक में शामिल हुए।
24th June, 2017