नीतीश और लालू के बीच मतभेद का बढ़ना जारी
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के बीच मतभेदों की खाई और चौड़ी हो गई है। 27 अगस्त को पटना में होने वाली लालू प्रसाद यादव की 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली में जेडीयू ने शामिल न होने का फैसला किया है।
जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि आरजेडी की सहयोगी पार्टी होने के बावजूद जेडीयू एक पार्टी के तौर पर रैली में शामिल नहीं होगी। जेडीयू प्रेसिडेंट और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस आशय के संबंध में निमंत्रण मिला है, तो वह खुद इस पर निर्णय लेंगे कि रैली में शामिल होना है कि नहीं।
महागठबंधन के सहयोगियों के बीच बढ़ती खाई का यह एक और उदाहरण है। इससे पहले जेडीयू ने राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के मुकाबले एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया था।
आरजेडी की रैली, महागठबंधन की नहीं
जेडीयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने कहा कि 27 अगस्त को होने वाली रैली महागठबंधन की नहीं बल्कि केवल आरजेडी की है, ऐसे में जेडीयू इस रैली में शामिल नहीं होगी। श्याम रजक ने कहा कि 27 अगस्त की रैली शुद्ध रूप से आरजेडी की है और ऐसे में जेडीयू इस में शिरकत नहीं करेगा। अगर आरजेडी की तरफ से किसी जेडीयू के नेता को आमंत्रण मिलेगा तो वह निजी रूप से उसमें शामिल या शामिल नहीं होने पर विचार कर सकता है।
लालू की रैली में दिग्गजों का रेला
गांधी मैदान में होने वाली इस रैली के लिए लालू ने कांग्रेस पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाजवादी पार्टी की नेत्री मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आमंत्रित किया है सभी पार्टियों ने लालू का आमंत्रण को स्वीकार किया और रैली में शामिल होंगे।
नीतीश के सवाल पर श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार को भी इस रैली के लिए आमंत्रण मिला है, मगर वह इसमें शामिल होंगे कि नहीं यह उनका निजी फैसला होगा।
पिछले दिनों जिस तरीके से बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार वालों के खिलाफ बेनामी संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले उजागर किया है उसी के विरोध में लालू ने 27 अगस्त को गैर-बीजेपीई दलों को एक मंच पर लाकर केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल करने का ऐलान किया है।
2nd July, 2017