यूरिड मीडिया डेस्क लखनऊ। यूपी भर में अखिलेश सरकार के दौरान बने साइकिल ट्रैक को योगी सरकार तोड़ने की तैयारी में है। प्राप्ता जानकारी के अनुसार नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को कहा, 'साइकिल ट्रैक को तोड़ने के पीछे उनकी सरकार का मकसद गलत तरीके और गलत जगहों पर बने साइकिल ट्रैक को रिव्यू करके उन्हें हटाया जाना है। गलत जगहों पर साइकिल ट्रैक बने होने से लोगों को दिक्कतें होती हैं। हम ऐसी सड़कों का रिव्यू करेंगे। जहां जरूरत होगी, इन्हें तोड़ा जाएगा। जल्द इसकी शुरुआत बरेली से होगी, क्योंकि वहां के लोगों ने इसे लेकर काफी शिकायतें की हैं। बता दें, इससे पहले योगी सरकार ने एंबुलेंसों और दूसरी सरकारी स्कीमों से 'समाजवादी' नाम हटाने का फैसला लिया था। छोटी सी सड़क के हिस्से में ही साइकिल ट्रैक बनाने से सड़क की चौड़ाई कम हो जाती है। इससे आमतौर पर जाम लग जाता है। यही वजह है कि हमने गलत जगहों पर बने साइकिल ट्रैक को तोड़ने का आदेश दिया है।''
इसी तरह लखनऊ और नोएडा में 100 किमी से ज्यादा का ट्रैक निर्माण हुआ। लखनऊ में 2015 में अखिलेश यादव ने 35 किमी लंबे और 31 करोड़ की लागत से बने साइकिल ट्रैक का इनॉगरेशन किया था। अखिलेश ने 26 नवंबर 2016 को इटावा और आगरा के बीच बने एशिया के पहले साइकिल हाइवे का इनॉगरेशन किया था। 207 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट की लागत 134 करोड़ रुपए आई थी।
नीदरलैंड से आया था साइकिल ट्रैक का आइडिया
हाईवे सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्हें इसका आइडिया 2014 में उस समय आया था, जब वह नीदरलैंड गए थे। वहां उन्होंने साइकिल ट्रैक देखा, जहां इसका सफल उपयोग हो रहा है।
4th July, 2017