लखनऊ यूरिड मीडिया डेस्क । जीएसटी की आधी कमाई केंद्र को जाने की वजह से प्रदेश सरकार के राजस्व में कमी आने की आशंका को बजट के आंकड़ों ने झुठला दिया है। वैट से पिछले साल तक प्रदेश की कमाई जहां 58 हजार करोड़ रुपये भी नहीं पहुंच पाई थी, वहीं इस साल जीएसटी लागू होने के बाद प्रदेश का खजाना इसी नए अप्रत्यक्ष कर से भरेगा। इस टैक्स से 65 हजार करोड़ रुपये लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा आबकारी, स्टांप व वाहन कर सहित अन्य टैक्स मिलाकर सरकार ने कुल 1,11,501.90 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
सपा सरकार ने 2017-18 के अपने लेखानुदान में बिक्री व्यापार कर से 62069.10 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया था लेकिन, इसी बीच जीएसटी लागू के बाद योगी सरकार ने इसे बढ़ा कर 65 हजार रुपये कर दिया है। अखिलेश सरकार ने लेखानुदान में राजस्व प्राप्ति के सभी मदों से जहां कुल 1,08,321 करोड़ रुपये आने का अनुमान लगाया था, वहीं योगी सरकार ने इसे भी बढ़ाकर 1,11,501.90 करोड़ रुपये कर दिया है। लेखानुदान में राजस्व प्राप्ति के आठ मद- भू-राजस्व, स्टांप तथा पंजीकरण फीस, आबकारी, बिक्री व्यापार कर, वाहन कर, विद्युत कर तथा शुल्क, वस्तुओं तथा सेवाओं पर अन्य कर और शुल्क तथा अन्य कर राजस्व शामिल थे, जबकि अब इसमें जीएसटी को शामिल करते हुए राजस्व प्राप्ति के कुल नौ मद हो गए हैं। जीएसटी से आने वाली रकम में केंद्र का आधा हिस्सा काटने के बाद राज्य के हिस्से में 28,602.70 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है, जबकि जीएसटी से बाहर रह गई वस्तुओं पर लगने वाले वैट से 36,397.30 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
जीएसटी से जहां 28,602.70 करोड़ रुपये आएंगे, वहीं जीएसटी की ही वजह से बिक्री व्यापार कर की मद में कुल 15,111.63 करोड़ रुपये यानी 29.34 फीसद की कमी आएगी। इसके अलावा भू-राजस्व से 706.04 करोड़, स्टांप तथा पंजीकरण फीस से 17,458.34 करोड़, आबकारी से 20,593.23 करोड़, वाहन कर से 5481.20 करोड़, विद्युत कर तथा शुल्क से 1500, वस्तुओं तथा सेवाओं पर अन्य कर व शुल्क से 704 करोड़ और अन्य कर राजस्व से 59.09 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। पिछले साल के पुनरीक्षित अनुमानों की तुलना में मौजूदा वर्ष के कर राजस्व में 21,283.20 करोड़ रुपये यानी करीब 23.59 फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
12th July, 2017