देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए सोमवार को राज्यों की 31 विधानसभाओं और संसद में वोट डाले जाएंगे। सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक होने वाले मतदान में 4076 विधायक और संसद के दोनों सदनों के 776 निर्वाचित सांसद हिस्सा लेंगे।
इस चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है। हालांकि राजग उम्मीदवार के पक्ष में अधिक दलों के आ जाने से बस इतनी उत्सुकता बची है कि हार और जीत का अंतर कितना होगा।
मतदान से ठीक एक दिन पहले राजग उम्मीदवार कोविंद ने जहां गठबंधन के सांसदों को संबोधित किया वहीं विपक्ष की उम्मीदवार कुमार ने समर्थन देने वाले 17 दलों के सांसदों के साथ बैठक कर समर्थन मांगा। मतों की गिनती 20 जुलाई को होगी।
दोनों उम्मीदवारों को मिले घोषित समर्थन के आधार पर बात करें तो राजग उम्मीदवार के पक्ष में इस समय करीब 64 फीसदी और विपक्ष की उम्मीदवार के पक्ष में 34 फीसदी मत हैं। ऐसे में राजग उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है। खास बात यह है कि इस चुनाव में दोनों प्रतिद्वंद्वी दलित समुदाय के होने के साथ-साथ वकालत के पेशे से जुड़े रहने के कारण संविधान के अच्छे जानकार हैं। गौरतलब है कि आजादी के बाद से अब तक 14 बार राष्ट्रपति चुनाव हुए। इनमें 13 व्यक्ति सर्वोच्च पद पर पहुंचे। दोबार राष्ट्रपति बनने का सम्मान सिर्फदेश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को मिला।
चूंकि राष्ट्रपति चुनाव में व्हिप जारी नहीं होता इसलिए इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग की व्यापक संभावना रहती है। इस चुनाव में जहां उत्तर प्रदेश में सपा दो गुटों में बंट गई है, वहीं त्रिपुरा के टीएमसी विधायकों ने राजग उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने की घोषणा की है। भाजपा को उत्तर प्रदेश में कुछ बसपा विधायकों से भी समर्थन हासिल होने की उम्मीद है। पार्टी के रणनीतिकारों का दावा है कि राजग उम्मीदवार को 66 फीसदी से अधिक मत मिलेंगे।
जदयू, बीजेडी, अन्नाद्रमुक ने बदला गणित
यूं तो 48.5 फीसदी वोट के कारण राजग की स्थिति पहले से मजबूत थी। मगर जदयू ने पाला बदल कर तो बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक के दोनों धड़ों ने राजग का समर्थन कर मुकाबले को एकतरफा बना दिया। जरूरत से बहुत ज्यादा वोट का इंतजाम हो जाने के कारण शुरुआती दौर में तेवर दिखा रही शिवसेना ने भी राजग उम्मीदवार के पक्ष में खड़ा होने में ही अपनी भलाई समझी।
संसद में 5 विधायक भी डालेंगे वोट
इस चुनाव में संसद में 5 विधायक भी वोट डालेंगे। चुनाव आयोग ने 4 विधायकों को दूसरे राज्य की विधानसभा में तो राज्यसभा के 14 और लोकसभा के 41 सांसदों को अपने राज्यों के विधानसभाओं में वोट डालने की इजाजत दी है। चुनाव के लिए बैंगनी रंग के कलम का इस्तेमाल होगा।
16th July, 2017