पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन की कमान संभालने वाले गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के अध्यक्ष विमल गुरुंग ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
गुरुंग ने कहा है कि बीते एक महीने से जारी आंदोलन अब और उग्र होगा। यह गोरखा लोगों की आजादी के लिए निर्णायक लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि वे अपना खून बहाने के लिए तैयार हैं और गोरखालैंड हासिल नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
गोरखा नेता ने कहा कि अब तक होने वाले आंदोलन महज एक ट्रेलर था। अलग राज्य की असली लड़ाई अब शुरू होगी। ध्यान रहे कि इलाके में बीते 32 दिनों से बेमियादी बंद चल रहा है। सरकार ने बीते 18 जून से ही इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा रखी है। बेमियादी बंद की वजह से खाद्य सामग्री की भारी किल्लत को ध्यान में रखते हुए मोर्चा के अलावा कई गैर-सरकारी संगठन आम लोगों में खाने-पीने की चीजें बांट रहे हैं।
बीते सप्ताह बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और आगजनी के बाद इलाके में सेना तैनात कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्र ने पर्वतीय क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की चार और कंपनियां भेजी है। इस बीच, अलग राज्य की मांग में मोर्चा समर्थकों ने रविवार को सिलीगुड़ी के सालूगड़ा इलाके में नेशनल हाइवे पर वाहनों की आवाजाही ठप कर दी।
बेमियादी बंद की वजह से इलाके के तमाम स्कूल बीते 23 जून से ही बंद हैं। पर्वतीय क्षेत्र में मोर्चा समेत 15 राजनीतिक संगठनों ने आंदोलन की दशा-दिशा तय करने के लिए गोरखालैंड मांग समन्वय समिति का गठन किया है। इसकी अगली बैठक 18 जुलाई को होनी है।
16th July, 2017