मायावती ने तैयार किया मास्टर प्लान, तैयारी में लगाकर...
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सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद टेलिफोन पर अपने पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत की। जिन नेताओं से माया ने बात की, वे विभिन्न राज्यों में पार्टी का कामकाज देखते हैं। बीएसपी के एक नेता ने नाम न सार्वजनिक किए जाने की शर्त पर बताया, 'उन्होंने हमें हर राज्य में जोनवार प्रदर्शन शुरू करने के लिए कहा है। वह अपने वोटरों को समझाना चाहती हैं कि बीजेपी ने उनसे राज्यसभा में उनके बोलने की आजादी छीन ली।'
आगे की स्लाइड में पढ़ें... मायावती ने 23 जुलाई को...
बीएसपी नेता के मुताबिक, मायावती ने 23 जुलाई को यूपी में पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। वह जल्द ही बीजेपी के खिलाफ एक दिवसीय धरने का ऐलान कर सकती हैं। दरअसल, बीएसपी मायावती के राज्यसभा से इस्तीफा को बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक मुद्दे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। पार्टी ने नई चुनौतियां से निपटने के लिए संगठन में जमीनी स्तर के बदलाव भी किए हैं। संगठन में किए गए नए बदलाव के तहत यूपी को अब दो जोन में बांटा गया है। हर जोन में आठ कोऑर्डिनेटर्स रखे गए हैं, जो अपने दिए गए इलाकों में पार्टी से जुड़े मामले देखेंगे।
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पार्टी के एक भीतरी सूत्र ने कहा, 'मायावती अब सभी कोऑर्डिनेटर्स से सीधे संपर्क में हैं। उनके हर संदेश को वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए जमीनी स्तर पर पहुंचाया जा रहा है।' बता दें कि यूपी असेंबली में भी मायावती की पार्टी संख्याबल के मामले में बेहद कमजोर है। यहां उसके पास महज 19 विधायक हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर प्रदर्शन छेड़ने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा है। मायावती ने इस बात के भी पूरे संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी गठबंधन राजनीति से जुड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने निकाय चुनाव में बीएसपी के चुनाव चिह्न पर कैंडिडेट्स उतारने का भी फैसला किया है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भले ही मायावती को बिहार से राज्यसभा में भेजने का ऑफर दिया हो, लेकिन सूत्रों को उम्मीद है कि बीएसपी सुप्रीमो शायद इसे स्वीकार न करें।
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मायावती अब सभी को...
पार्टी के एक भीतरी सूत्र ने कहा, 'मायावती अब सभी कोऑर्डिनेटर्स से सीधे संपर्क में हैं। उनके हर संदेश को वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए जमीनी स्तर पर पहुंचाया जा रहा है।' बता दें कि यूपी असेंबली में भी मायावती की पार्टी संख्याबल के मामले में बेहद कमजोर है। यहां उसके पास महज 19 विधायक हैं। ऐसे में जमीनी स्तर पर प्रदर्शन छेड़ने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं बचा है। मायावती ने इस बात के भी पूरे संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी गठबंधन राजनीति से जुड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने निकाय चुनाव में बीएसपी के चुनाव चिह्न पर कैंडिडेट्स उतारने का भी फैसला किया है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भले ही मायावती को बिहार से राज्यसभा में भेजने का ऑफर दिया हो, लेकिन सूत्रों को उम्मीद है कि बीएसपी सुप्रीमो शायद इसे स्वीकार न करें।