झारखंड में घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम) के बहरागोड़ा प्रखंड के घासपाटा गांव के 7 युवकों को गुजरात में बंधक बनाने का मामला सामने आया है. दरअसल, ये सभी युवक बिचौलियों के माध्यम से काम की तलाश में गुजरात गए थे, जहां उनसे 12-12 घंटे काम कराया जा रहा है।
युवक अपने घर जाना चाहते हैं लेकिन फैक्ट्री का मालिक युवकों को उनके घर जाने नहीं दे रहा है. ऐसे में युवकों ने फोन पर ही अपने अपने माता-पिता को स्थिति से अवगत कराते हुए खुद को बंधक बना लिए जाने की बात बताई।
अब युवकों के माता-पिता अपने बच्चों को घर वापस बुलाने के लिए परेशान हैं. किसी भी तरह से उन्हें गुजरात से वापस लाना चाहते हैं।
बता दें कि पूर्वी सिंहभूम के बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र बहरागोड़ा के घासपाटा गांव और ब्रम्ह्रणकुंडी गांव से 7 युवकों ले जाए गए थे. इनमें शक्तिपदो बेरा, मनीकांता प्रधान, जयंत विसोई, विष्णु पदो बेरा, काजल दोलाई और अजीत बेरा शामिल हैं।
इन लोगों को उनके ही गांव के बिचौलिया प्रदीप मंडल नामक व्यक्ति रोजगार के लिए एक माह पहले नागपुर ले जाने के नाम पर ले गया था, लेकिन नागपुर न ले जाकर उन्हें अहमदाबाद लेकर चला गया. तब से सभी युवक बंधक बने हुए हैं।
इधर, बंधक बने युवकों के माता-पिता परेशान हैं कि किस तरह से वो अपने बच्चों को वापस लाएं. वहीं गरीब और निर्धन होने के कारण पीड़ित माता-पिता इसके लिए अब प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. बच्चों को गुजरात से मुक्त कराकर उन्हें वापस घर लाने की दर्ख़्वास्त की है।
सौजन्य से- न्यूज़18
अब युवकों के माता-पिता अपने बच्चों को घर वापस बुलाने के लिए परेशान हैं. किसी भी तरह से उन्हें गुजरात से वापस लाना चाहते हैं।
इन लोगों को उनके ही गांव के बिचौलिया प्रदीप मंडल नामक व्यक्ति रोजगार के लिए एक माह पहले नागपुर ले जाने के नाम पर ले गया था, लेकिन नागपुर न ले जाकर उन्हें अहमदाबाद लेकर चला गया. तब से सभी युवक बंधक बने हुए हैं।
सौजन्य से- न्यूज़18
22nd July, 2017