यूरिड मीडिया डेस्क -
योगी सरकार ने टोल प्लाजा पर माननीयों के लिए अलग से लेन बनाने के प्रस्ताव से पीछे हट गई है. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सदाकांत द्वारा सोमवार को इस संबंध में एक सफाई जारी की गई.
जिसमें कहा गया कि पूर्व में जारी गई एडवाइजरी सलाह दी गई थी कि कभी-कभी टोल प्लाजा पर बहुत अधिक जाम लगा रहता है. ऐसी स्थिति में विशिष्ट महानुभावों के वाहनों के आने-जाने के लिए अलग लेन की व्यवस्था कराई जानी चाहिए, जिससे उन्हें सुविधा हो सके.
प्रदेश के सभी कमिश्नर, सभी डीएम को जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इस एडवाइजरी को लेकर कतिपय भ्रम की स्थिति बनी. अत: स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त श्रेणी के विशिष्ट महानुभावों के वाहनों के आने-जाने के लि अलग से लेन का निर्माण नहंी किया जाना है. टोल प्लाजा पर वाहनों के आने—जाने के लिए जो सुविधाएं वर्तमान में सामान्य जन के लिए हैं, वही सुविधाएं सभी के लिए एक समान लागू होगी. इसलिए पूर्व में दी गई एडवाइजरी को उपरोक्तानुसार संशोधित माना जाए.
दरअसल राज्य सरकार की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है कि माननीयों को टोल पर लगे जाम की सूरत में इमरजेंसी लेन का इस्तेमाल करने की छूट दी जाए जो आमतौर पर एंबुलेंस, इमरजेंसी सेवाओं, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और अति विशिष्ट लोगों को दी जाती है.
टोल प्लाजा पर ज्यादातर कर्मचारी सांसद, मंत्री और विधायक को तो पहचानते हैं लेकिन एमएलसी को नहीं जानते. एडवाइजरी में लिखा है कि एमएलसी यानी विधान परिषद् के सदस्यों को भी वही सुविधाएं मिलें जो विधायकों और सांसदों को दी जाती हैं.
एडवाइजरी में यह भी लिखा है कि टोल प्लाजा के कर्मचारी एमएलसी के साथ शिष्टाचार से पेश आएं क्योंकि एमएलसी भी उन्हीं विशेष लोगों की सूची में हैं जिसे एनएचएआई ने बता रखा है. समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने इस मुद्दे को विधान परिषद् में उठाया था जिसका सदन के सभी सदस्यों ने समर्थन किया था.
सपा विधायक ने कहा था कि किसी एमएलसी को कोई पहचानता नहीं है और हम लोगों को टोल प्लाजा पर परेशानी होती है. वहां हमारे साथ बदतमीजी तक की जाती है. जिसकी वजह से हमारे लिए भी कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे आने जाने में सुविधा हो सके.