यूरिड मीडिया डेस्क
-जाजमऊ से मंगलवार को पकड़े गए दो संदिग्धों के परिवार के लोगों ने एनआईए और एटीएस पर गंभीर आरोप लगाए। मोहम्मद आतिफ के पिता परवेज अख्तर के अनुसार, मार्च में लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एनआईए ने धमकी दी थी कि 'तुम्हारी जिंदगी तबाह कर देंगे। घर बर्बाद कर देंगे'। एनआईए और एटीएस से दबाव था कि आतिफ, सैफुल्लाह वाले केस में गवाह बन जाए और उनकी बताई बातें कोर्ट में कहे।
गंगा किनारे बंगालीघाट के एक छोटे से घर में रहने वाले बुजुर्ग परवेज अख्तर का बेटे आतिफ से दो दिनों से संपर्क नहीं हुआ है। वह बताते हैं कि आतिफ बेकनगंज में जरदोजी का काम करता था। वो जिन लोगों के लिए काम करता है, उनके भाई का सऊदी अरब में कारोबार है। आतिफ का बड़ा भाई आकिब कुछ समय से बेरोजगार हैं, जबकि पिछले कुछ महीने से उनके पास भी कोई काम नहीं है। मार्च में एनआईए और एटीएस उनके घर आई। इसके बाद आतिफ अपने साढ़ू के साथ कई बार पूछताछ के लिए लखनऊ के एनआईए ऑफिस गया। उनका आरोप है कि आतिफ को पीटा और घायल कर दिया। अकेले में उससे पूछताछ हुई। घर पर उसने बताया था कि एनआईए यह गवाही देने के लिए दबाव बना रही है कि वह सैफुल्लाह और गौस मोहम्मद को जानता है। कई बार उसे कहा गया कि लिखा हुआ बयान याद कर कोर्ट में बता देना। इससे इनकार करने पर उसे फंसाया गया। आतिफ की पत्नी गुलनाज का आरोप है कि लखनऊ में मार्च में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के दो दिन बाद एनआईए ने नोटिस दिया था। इसके बाद धमकी दी गई थी कि 'पेपर-टीवी से कुछ नहीं होगा। कोई तुम्हें बचा नहीं पाएगा'। 12-13 बार आतिफ पूछताछ के लिए लखनऊ भी गया।
आसिफ से थी दोस्ती : परवेज के मुताबिक, आतिफ की आसिफ इकबाल से गहरी दोस्ती थी। समय मिलने पर दोनों घर के बाहर घंटों साथ समय बिताते थे
दूसरे संदिग्ध आसिफ इकबाल के पिता शाहिद इकबाल सैडलरी फैक्ट्री में मजदूर हैं। शाहिद लखनऊ एनकाउंटर में मारे गए सैफुल्लाह के चाचा हैं। उनका घर सैफुल्लाह के घर के सामने हैं। शाहिद के दो बड़े भाई भी टैनरी में काम करते हैं। मंगलवार को बेटे की गिरफ्तारी के बाद वह घर से नहीं निकले। वह बोले कि एनआईए के अफसरों ने मार्च की रात को 2 बजे जगाकर बताया था कि सुबह 8 बजे बेटे के साथ लखनऊ पहुंचना है। तब वहां अफसरों ने कहा था कि 'हम चाहते हैं कि आपका बेटा गवाह बन जाए। हम उसे गिरफ्तार नहीं करेंगे। वह हमारे काम आए। उसे सुधरने का एक मौका मिलना चाहिए। हम लोगों को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए'। बकौल शाहिद, इस बात पर उन्होंने सहमति जताई। इसके बाद 12-13 बार एनआईए ने उसे पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया। 26 साल के आसिफ की तबीयत पिछले 5-6 साल से ठीक नहीं थी। शाहिद का कहना है कि आसिफ ने कुछ गलत किया है तो उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन चार महीने से एनआईए किस बात का इंतजार कर रही थी। उसे मार्च में ही क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया। उसके खिलाफ आज तक एक भी मुकदमा नहीं लिखा गया। मंगलवार को एनआईए अफसरों ने होटल में उनसे कहा था कि आसिफ से पूछताछ में 2-3 घंटे लगेंगे। काफी देर बाद उन्होंने बताया कि मजबूरी है। आसिफ को गिरफ्तार करना पड़ेगा।
आईएस से कथित तौर पर संबंध रखने के 10 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए और एटीएस को कुछ और अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, आतिफ और आसिफ से पूछताछ में कुछ और संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। इन पर नजर रखी जा रही है। अगले कुछ दिनों में कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
27th July, 2017