एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. सूत्रों के मुताबिक डीजीपी मुख्यालय ने उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग से सिफारिश कर दी है.
गौरतलब है कि 12 जुलाई को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की सीट के नीचे सफ़ेद पाउडर मिला था, जिसे एफएसएल ने खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन बताया था. इस मामले में डीजीपी सुलखान सिंह ने तकनीकी सेवा के डीजी महेंद्र मोदी को पीईटीएन मामले में हुए पत्राचार के बारे में जांच के लिए कहा था.
इस जांच में उपाध्याय के खिलाफ कई बातें सामने आई. जिसके बाद कहा जा रहा है कि उपाध्याय की बर्खास्तगी तय है. हालांकि सचिव गृह मणि प्रसाद मिश्रा ने कहा कि अभी निदेशक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अगर उपाध्याय बर्खास्त होते हैं तो उनकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं. उनके खिलाफ बिहार में करोड़ों के गबन का भी आरोप है. बिहार सरकार उन्हें वापस भेजने की मांग भी की है.
गौरतलब है कि आगरा की लैब में हुई जांच में संदिग्ध पाउडर के पीईटीएन साबित न होने से विवाद पैदा हो गया था. आरोप है कि श्याम बिहारी उपाध्याय ने शासन में बैठे वरिष्ठ अधिकारीयों को गुमराह किया था.
इससे पहले बुधवार को एनआईए की टीम ने भी उपाध्याय से इस मामले में पूछताछ की. टीम ने उनसे पूछा की इतनी जल्दी उन्हें कैसे पता चल गया कि संदिग्ध पाउडर विस्फोटक है. फिलहाल एनआईए चड़ीगढ़ फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इन्तजार कर रही है.
3rd August, 2017