टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बहुप्रतीक्षित बैठक शुक्रवार को लखनऊ में प्रस्तावित है। टीसीएस सीईओ शुक्रवार को लखनऊ पहुंच रहे हैं, योगी के दिल्ली में उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह और पूर्वांचल दौरे का कार्यक्रम के बाद उन्हें शाम को 5 बजे मिलने का वक्त दिया गया है।
टीसीएस अपने लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को बंद कर यहां काम कर रहे करीब दो हजार आईटी प्रोफेशनल्स को दूसरे शहरों में शिफ्ट करने की तैयारी में है। इसकी वजह से कई कर्मचारियों की नौकरी खतरे में मानी जा रही है।
टीसीएस लखनऊ के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि यह मुलाकात सफल रही तो टीसीएस लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय बंद नहीं होगा। सभी कर्मचारियों की निगाहें इस मुलाकात पर टिकी हैं। गुरुवार को टीसीएस ऑफिस में तरह-तरह की चर्चाओं का दौर चलता रहा।
अंदेशा जताया जा रहा था कि संभवत: पिछले दो बार की तरह सीईओ इस बार भी न आएं और सीओओ एमजी सुब्रमण्यम ही मुलाकात के लिए पहुंचें। ऐसा हुआ तो संभव है कि सीएम योगी फिर मुलाकात से इनकार कर दें।
प्रदेश में आईटी सेक्टर और युवाओं के भविष्य की दिशा और दशा निर्धारित करने में इस बैठक को अहम माना जा रहा है।
सीएम योगी सहित कई मंत्री लगातार दावा करते रहे हैं कि टीसीएस लखनऊ को बंद नहीं होने दिया जाएगा। माना जा रहा है की टीसीएस को रोकना है तो सरकार को कुछ कारोबारी सहूलियतें कंपनी को ऑफर करनी होंगी।
मामला दो माह से प्रदेश सरकार के संज्ञान में है। मगर अब तक टीसीएस कर्मचारियों व उनके परिवारीजनों को सरकार से आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है, प्रदेश सरकार यदि टीसीएस को रोक लेती है तो यह उसकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी।
टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन के लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से इंटर करने की जानकारी ‘अमर उजाला’ ने पहले प्रकाशित की थी। लेकिन यह बात भी कम ही लोगों को पता है कि टीसीएस के उच्च पदों पर रहे कई अन्य अधिकारियों का भी लखनऊ से नाता है।
कंपनी के एचआर हेड अजोय मुखर्जी, आईटी हेड आलोक कुमार और वाइस प्रेजीडेंट नीरज श्रीवास्तव का भी लखनऊ से अलग-अलग वजहों से नाता है। टीसीएस के संस्थापक एफसी कोहली ने टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा के नेतृत्व में 33 साल पहले लखनऊ टीसीएस की स्थापना की थी।
11th August, 2017